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भोपाल

मजदूरों की ‘कुंडली’ में सरकार का भविष्य

– मिशन मजदूर में सियासी गणित : सर्वे कर विभिन्न योजनाओं का लाभ देने की तैयारी

भोपालMay 28, 2020 / 12:22 am

anil chaudhary

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भोपाल. शिवराज सरकार अब मिशन मजदूर में जुट गई है। करीब 14 लाख प्रवासी मजदूर प्रदेश लौटे हैं, जिनका वोट बैंक की दृष्टि से बड़ा महत्त्व है। इन मजदूरों को रोजगार देने के लिए गांव-गांव में सर्वे और सत्यापन बुधवार से शुरू हो गया है। इसके तहत इन मजदूरों को काम देने के अलावा इनका सियासी फायदा भी उठाया जा सकेगा। आगामी विधानसभा उपचुनाव में 24 सीटों पर भी मजदूर वोट बैंक का फायदा मिल सकता है, क्योंकि ग्वालियर चंबल अंचल में भी बड़ी संख्या में मजदूर हैं। 24 में से 19 सीटें इसी अंचल की हैं।
– जुटाई जाएगी पूरी जानकारी
राज्य सरकार सर्वे और सत्यापन के जरिये इन 14 लाख मजदूरों का डाटा तैयार करेगी। इसमें मजदूर के हुनर सहित उसकी विस्तृत जानकारी रहेगी। इसमें आधार कार्ड को भी अनिवार्य किया गया है। सर्वे में केवल उन्हीं मजदूरों का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा, जो मध्यप्रदेश के मूल निवासी हैं। प्रदेश के जिन बेल्ट में सबसे ज्यादा प्रवासी मजदूर लौटे हैं, उनमें ग्वालियर-चंबल, मालवा-निमाड़ और विंध्य-बुंदेलखंड शामिल है। इसमें ग्वालियर-चंबल की जिन 19 सीटों पर उपचुनाव होना है, वहां मजदूरों से सियासी मदद भी मिलने की आस है। सरकार इस रोजगार कैंपेन के जरिए अपनी ब्रांडिंग भी करेगी।

– सभी सरकारी योजनाओं का फायदा
सर्वे और सत्यापन के बाद इन मजदूरों को सभी सरकारी योजनाओं का फायदा दिया जाएगा। जो योजनाएं श्रमिकों के लिए हैं, उनमें इन्हें हितग्राही बनाया जाएगा। इनमें संबल से लेकर अन्य योजनाएं शामिल हैं। फिलहाल शिवराज सरकार ने इन्हें 1000 रुपए की आर्थिक मदद भी दी है।
– आठ सेक्टर, 40 उद्योग
इन मजदूरों के जॉब कार्ड भी बनाना है, ताकि मनरेगा में भी इन्हें रोजगार दिया जा सके। निजी और सरकारी सेक्टर के रोजगार से इन्हें जोडऩे का रोडमैप तैयार किया गया है। इसके तहत इन मजदूरों को आठ सेक्टर में रोजगार सेतु पर डाटा रहेगा, जबकि इस सत्यापन में 40 प्रकार के उद्योगों में रजिस्टर्ड किया जाएगा। सरकार की मंशा है कि इन 40 सेक्टर्स में उद्योगों को इन मैनपावर इन मजदूरों को की मैनपावर उपलब्ध कराई जाए इसके लिए रोजगार सेतु ऐप भी तैयार किया गया है, जिस पर कंपनी या उद्योग और मजदूर दोनों का डाटा रहेगा। कंपनियां मजदूरों से सीधे भी कनेक्ट हो सकेंगी।
– इन आठ सेक्टर में होगा रोजगार सेतु पर डाटा
टैक्सटाइल उद्योग, दवा उद्योग, ऑटोमोबाइल उद्योग, प्लास्टिक व केमिकल फैक्टरी, कंज्यूमर गुड्स उद्योग, गारमेंट्स उद्योग उपकरण पाट्र्स उद्योग और अन्य प्रकार के उद्योग।
– 40 सेक्टर में कबाड़ी से लेकर हॉकर तक
सत्यापन के तहत 40 प्रकार के उद्योगों में मजदूरों का रजिस्ट्रेशन हो किया जाएगा। इसमें कबाड़ी श्रमिक से लेकर जूते बनाने वाले, निर्माण, मनरेगा, पापड़ बनाने वाले सहित अन्य सभी प्रकार के श्रमिक शामिल किए गए।
– मजदूरों की स्थिति
– 1.37 करोड़ श्रमिक संबल योजना में
– 8.95 लाख कर्मकार मंडल में रजिस्टर्ड श्रमिक
– 14 लाख प्रवासी मजदूर मध्यप्रदेश लौटे

 

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