भारत 01 दिसंबर 2022 से 30 नवंबर 2023 तक जी-20 ग्रुप की अध्यक्षता करेगा. इस दौरान देशभर के अलग—अलग स्थानों पर बैठकों का आयोजन किया जाना है. इसके अंतर्गत करीब 190 बैठकें होंगी। मध्यप्रदेश के इंदौर और भोपाल में जी-20 समूह की शिखर सम्मेलन की बैठकों का प्रस्ताव है। इस दौरान अंतरराष्ट्रीय प्रतिभागियों के प्रवास को लेकर समन्वय समिति बनाई गई है. मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनी समन्वय समिति में अपर मुख्य सचिव, गृह विभाग के प्रमुख सचिव, औद्योगिक नीति एवं प्रोत्साहन विभाग के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सदस्य होंगे. अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान भोपाल के वरिष्ठ अधिकारी भी इस समिति में शामिल किए गए हैं।
क्या होता है जी-20 शिखर सम्मेलन
जी-20 ग्रुप राजनैतिक व आर्थिक दृष्टि से विश्व के प्रमुख देशों से मिलकर बना है। जी-20 देशों के पास विश्व की दो तिहाई जनसंख्या है। विश्व में होनेवाले अंतराष्ट्रीय ट्रेड का तीन चौथाई हिस्सा भी इन 20 देशों में ही होता है। विश्व की आर्थिक गतिविधियों में से 80% योगदान इस ग्रुप के 20 देशों का ही है। इसमें शामिल सभी 20 देशों के अध्यक्षों की वार्षिक बैठक होती है जिसे जी-20 शिखर सम्मेलन के नाम से जाना जाता है। सम्मेलन में दुनियाभर के मुख्य विषयों, अर्थव्यवस्था, ग्लोबल वॉर्मिंग, स्वास्थ और आतंकवाद सहित अन्य जरूरी मुद्दों पर चर्चा की जाती है। दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्था वाले देशों ने 1999 में जी-20 की स्थापना की. दरअसल 1977 में आए वित्तीय संकट को ध्यान में रखते हुए दुनिया को ऐसे संकट से बचाने का विचार किया गया. इसके सालों बाद विस्तार से विचार विमर्श कर ये समूह बनाया गया।