वहीं आधा दर्जन कलेक्टर, कमिश्नर सहित अन्य मैदानी अधिकारियों की चुनाव ड्यूटी के लिए नाम भेजा गया है। यहां तक की गृह विभाग के प्रमुख सचिव एसएन मिश्रा की भी चुनाव में ड्यूटी लगा दी गई है। इस मामले में आरटीआई कार्यकर्ता अजय दुबे ने भारत निर्वाचन आयोग से सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों की शिकायत की है।
अजय दुबे ने कहा है कि इस तरह के अधिकारियों की चुनाव में ड्यूटी लगाने से निष्पक्ष चुनाव नहीं कराया जा सकता है। अजय दुबे ने कहा कि इस तरह के नामों की सूची जानबूझा कर आयोग को भेजी गई है।
भारत निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव कराने के लिए सामान्य प्रशासन विभाग से आइएसएस आपीएस अधिकारियों की सूची मांगी थी। जिसमें सामान्य प्रशासन विभाग ने प्रदेश से करीब 80 अधिकारियों की सूची चुनाव आयोग को भेजी थी, जिसमें कई दांगी, नेताओं के रिश्तेदार और मंत्रियों के ओएसडी के नाम भी इस सूची में शामिल कर दिए थे।
भाजपा सांसद की बेटी आईपीएस सिमाला प्रसाद, झांसी के पूर्व सांसद चंद्रपाल प्रताप सिंह के दामाद आइएएस भरत यादव, कांग्रेस नेता की पत्नी तथा नगरीय प्रशासन में संयुक्त संचालक मीनाक्षी सिंह की चुनाव में ड्यूटी लगाई है।
इसी तरह से मंत्री सुखदेव पांसे के ओएसडी मनोज सरयाम, गोविंद सिंह के ओएसडी संजय जैन, बाबूलाल गौर के ओएसटी अजय श्रीवास्तव को भी प्रदेश से बाहर चुनाव कराने में ड्यूटी लगाई गई है। वहीं विधानसभा चुनाव के दौरान जिले से हटाए गए बैतूल के तत्कालीन कलेक्टर पवन कुमार जैन, सीधी के तत्कालीन कलेक्टर दिलीप कुमार की भी चुनाव में ड्यूटी लगाई गई है।
इसी तरह बुरहानपुर कलेक्टर उमेश सिंह, देवास कलेक्टर श्रीकांत पांडे, शहडोल कलेक्टर ललित दाहिमा, छिंदवाड़ा कलेक्टर श्रीनिवास शर्मा, जबलपुर कमिश्रर राजेश बहुगुणा, होशंगाबाद कमिश्नर रविंद्र मिश्रा, रीवा कमिश्रर अशोक भार्गव, उज्जैन कमिश्रर अजीत कुमार,शहडोल कमिश्नर सोभित जैन, जबलपुर एसपी निमेष अग्रवाल, देवास एसपी चंद्रशेखर सोलंकी, रतलाम डिआईजी गौरब राजपूत और आईजी राजाबाबू सिंह ग्वालियर की चुनाव में ड्यूटी लगाई गई है।
यहां तक की अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अरुण तोमर और संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी राजेश कौल की चुनाव में ड्यटी लगा दी गई है। अजय दुबे कहना है कि जब ये अधिकारी दूसरे राज्यों में चुनाव कराने जाएंगे तो यहां चुनाव कार्य प्रभावित होगा।