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भोपाल

पहले जूनियर डॉक्टर मांग पर अड़े थे, अब सीनियर डॉक्टर हुए खफा, जानिए क्या है मामला

पूर्व डीन डॉ. अरुणा कुमार पर जांच बैठाने से हैं नाराज
 

भोपालOct 11, 2019 / 01:02 am

praveen shrivastava

gandhi medical college bhopal

पहले जूनियर डॉक्टर मांग पर अड़े थे, अब सीनियर डॉक्टर हुए खफा, जानिए क्या है मामला

भोपाल. गांधी मेडिकल कॉलेज के सीनियर डॉक्टरों (मेडिकल टीचर्स) ने अब कमिश्नर कल्पना श्रीवास्तव का विरोध शुरू कर दिया है। यह विरोध कमिश्नर कल्पना श्रीवास्तव द्वारा कॉलेज की पूर्व डीन डॉ. अरुणा कुमार पर बैठाई जांच को लेकर है। दरअसल जूनियर डॉक्टरों के आंदोलन के बाद जीएमसी की तत्कालीन डीन डॉ. कुमार ने अपने पदसे इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफे के तुरंत बाद ही कमिश्नर ने आदेश जारी की डीन के खिलाफ सात बिंदुओं पर जांच बैठा दी। सीनियर डॉक्टरों का कहना है कि इस प्रकार की जांच की कोई जरूरत ही नहीं है। इसका वे विरोध करते हैं। साथ ही उनका कहना है कि अगर जांच जरूरी हुई तो जांच अधिष्ठाता के समकक्ष या उससे ऊपर के अधिकारियों द्वारा की जानी चाहिए।

जांच में नहीं करेंगे सहयोग
मामले को लेकर मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन का कहना है कि अगर जांच के तरीको को नहीं बदला गया तो वे इसमें कोई सहयोग नहीं करेंगे। एसोसिएशन के मुताबिक दूसरे विभाग के मंत्री की शिकायत पर जांच करने से पहले अपने विभाग के मंत्री की अनुशंसा जरूरी है। एेसे में यह जांच सही नहीं है।

जूडा ने प्रोफेसरों से मांगी माफी
इधर, कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों ने आंदोलन के दौरान हुई बदसलूकी के चलते कॉलेज के प्रोफेसरो से लिखित में माफी मांगी है। जूनियर डॉक्टरों का कहना है आंदोलन के दौरान कुछ जूनियर डॉक्टरों द्वारा प्रोफेसरों के साथ बदसलूकी का मामला भी आया था। एेसे में जूनियर डॉक्टरों ने लिखित में क्षमा पत्र जारी किया है।

किसी ओर विभाग के मंत्री के कहने पर जांच कैसे बैठाई जा सकती है। यही नहीं अधिष्ठाता की जांच के लिए उसके बराबर या ऊपर के अधिकारी ही जांच कर सकते हैं।
डॉ. राकेश मालवीय, सचिव, मप्र मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन

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