जांच में नहीं करेंगे सहयोग
मामले को लेकर मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन का कहना है कि अगर जांच के तरीको को नहीं बदला गया तो वे इसमें कोई सहयोग नहीं करेंगे। एसोसिएशन के मुताबिक दूसरे विभाग के मंत्री की शिकायत पर जांच करने से पहले अपने विभाग के मंत्री की अनुशंसा जरूरी है। एेसे में यह जांच सही नहीं है।
जूडा ने प्रोफेसरों से मांगी माफी
इधर, कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों ने आंदोलन के दौरान हुई बदसलूकी के चलते कॉलेज के प्रोफेसरो से लिखित में माफी मांगी है। जूनियर डॉक्टरों का कहना है आंदोलन के दौरान कुछ जूनियर डॉक्टरों द्वारा प्रोफेसरों के साथ बदसलूकी का मामला भी आया था। एेसे में जूनियर डॉक्टरों ने लिखित में क्षमा पत्र जारी किया है।
किसी ओर विभाग के मंत्री के कहने पर जांच कैसे बैठाई जा सकती है। यही नहीं अधिष्ठाता की जांच के लिए उसके बराबर या ऊपर के अधिकारी ही जांच कर सकते हैं।
डॉ. राकेश मालवीय, सचिव, मप्र मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन