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भोपाल

टाइगर रिजर्व को नुकसान से बचाने ग्रामीणों को दिए जा रहे गैस और कुकर

मैनेजमेंट का मानना इससे पार्क में रुकेगी अवैध कटाईवन्य प्राणियों से होने वाले व्दंद भी टलेगा

भोपालNov 25, 2019 / 09:01 pm

harish divekar

Tigers in Ranthambore National Park

Tigers in Ranthambore National Park

प्रदेश के नेशनल टाइगर रिजर्व एरिया के आस—पास बसे गांवों में वन विभाग का अमला ग्रामीणों को गैस कनेक्शन और प्रेशर—कुकर जैसे साधन मुहैया करा रहा है। दरअसल वन्य प्राणी मुख्यालय का मानना है कि ग्रामीणों को खाना पकाने के लिए यह दो सामग्री मिलने से उनका नेशनल पार्क में घुसना रुक जाएगा। इससे पार्क के बफर एरिया में पेड़ों की अवैध कटाई पर तो अंकुश लगेगा ही साथ में इस क्षेत्र में आए दिन वन्य प्राणी और मानव के बीच होने वाले व्दंद को भी टाला जा सकेगा।
वन्य प्राणी मुख्यालय के अफसरों का कहना है कि नेशनल पार्क के बफर एरिया में बसे गांवों के लोगों को उनकी खाना बनाने और उनकी आवश्यकता की पूर्ति के लिए पार्क एरिया के बफर से जंगल की टूटी और सूखी लकड़ी बीनकर ले जाने की छूट दी गई है।
इसी का फायदा उठाते हुए वन माफिया इन आदिवासियों को पैसों का लालच देते हुए बफर के साथ कोर एरिया के कीमती पेड़ों की कटाई भी करवाता है।

ऐसी स्थिति में कई बार ग्रामीणों का सामना नेशनल पार्क के वन्य जीवों से भी होता है। व्दंद की स्थिति बनने पर ग्रामीण इन्हें मार देते हैं। वहीं कुछ लोग पैसों के लालच में इनका शिकार भी करते हैं। इन सारी घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए ही पार्क एरिया में बसे गांवों में गैस कनेक्शन और प्रेशर—कुकर बांटे जा रहे हैं।

कान्हा टाइगर रिजर्व
कान्हा टाइगर रिजर्व मण्डला के सरही प्रवेश-द्वार पर प्रबंधन की ओर से विधायक श्री नारायण पट्टा ने 181 हितग्राहियों को 131 प्रेशर-कुकर और 50 नये गैस कनेक्शन वितरित किये। सभी लाभान्वित रिजर्व के आसपास बसे गाँव जैलवार, चटुआखार, मगधा, मोहगाँव, टकटौआ और सरही के निवासी हैं।

क्षेत्र संचालक एल. कृष्णमूर्ति ने बताया कि प्रोजेक्ट टाइगर स्कीम के तहत रिजर्व के आसपास निवासरत ग्रामीणों को इस तरह की घरेलू उपयोग की आवश्यक वस्तुएँ प्रदाय की जाती हैं।

कृष्णमूर्ति ने कहा कि ग्रामीणों को प्रेशर कुकर और गैस कनेक्शन मिलने से जंगल पर दबाव कम होगा। ग्रामीण जंगल में ईंधन के लिये लकड़ी बीनने नहीं जाएंगे। इससे मानव-वन्य-प्राणी द्वंद भी प्रतिबंधित होगा। उन्होंने कहा कि इस प्रयास से ग्रामीणों का समय बचेगा और वे रिजर्व द्वारा दिये जा रहे सिलाई प्रशिक्षण का लाभ लेकर अतिरिक्त आय अर्जित कर सकेंगे। क्षेत्र संचालक ने बताया कि जंगल पर दबाव कम करने और स्थानीय ग्रामीणों का जीवन सुविधाजनक बनाने के लिए कान्हा टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने यह प्रोजेक्ट क्रियान्वित किया है।

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