मध्यप्रदेश में बढ़ें गैस के उपभोक्ता
मध्यप्रदेश में पिछले कुछ सालों में गैस के उपभोक्ता बढ़ गए हैं। आठ करोड़ की आबादी वाले मध्यप्रदेश सभी गैस एजेंसियों के करीब 6 करोड़ से अधिक गैस के उपभोक्ता है। जबकि गैस एजेंसियों की संख्या बढ़ाने की कवायद की जा रही है। यह एजेंसी शहरों के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी खोली जाना है। केंद्र सरकार पांच हजार नए गैस डिस्ट्रीब्यूटर्स को लाइसेंस देने वाली है।
डीलरशिप के लिए ऐसे करें तैयारी
LPG डीलरशिप लेने के लिए कड़े नियम और शर्तों का पालन करना पड़ता है। केंद्र सरकार की गैस कंपनियों की एजेंसी लेने के लिए जरूरी है कि आप पहले से ही पूरी तैयारी कर लें।
स्टेप-1: भारत की तीन सरकारी कंपनियों हिन्दुस्तान पेट्रोलियम गैस, भारत गैस और इंडेन समय-समय पर नए डीलर बनाने के लिए आवेदन आमंत्रित करती हैं।
-इसके लिए आपके पास एजेंसी के लिए जगह और गोदाम के लिए जमीन होना चाहिए। कंपनी वार्ड, मोहल्ला और निश्चित स्थान के लिए विज्ञापन जारी कर बताती है कि कहां एजेंसी खोलना है।
-ग्रामीण क्षेत्र क्षेत्रों के लिए केंद्र सरकार की राजीव गांधी ग्रामीण एलपीजी डिस्ट्रीब्यूशन योजना (RGGLV) के तहत आवेदन किए जा सकते हैं।
-आवेदन जमा करने के बाद निर्धारित तिथि पर कैंडिडेट का इंटरव्यू किया जाता है।
-इंटरव्यू के बाद आवेदक को नंबर दिए जाते हैं। इन्हीं नंबरों के पैरामीटर्स तय किए जाते हैं, जिनके आधार पर कैंडिडेट का रिव्यू किया जाता है। आवेदक के सभी पैरामीटर्स देखने के बाद अंकों के आधार पर रिजल्ट जारी किया जाता है।
मैरिट में आने वालों का होता है पैनल तैयार
भारत सरकार की कंपनी अंकों के प्रदर्शन के बाद एक पैनल गठित करती है, जो सभी आवेदकों का फील्ड वैरिफिकेशन करती है। इसमें जमीन से लेकर दस्तावेजों की गहन पड़ताल की जाती है।-ग्राउंड रिपोर्ट मिलने के बाद गैस एंजेसी का चयन होता है। चयनित व्यक्ति को गैस एजेंसी का आवंटन कर दिया जाता है।
-आवेदक का चयन होने के बाद उसे निर्धारित तारीख तक गैस एजेंसी का दफ्तर शुरू करना पड़ता है।
गैस एजेंसी के लिए यह हैं जरूरी शर्तें
गैस एजेंसी या डीलरशिप देने के लिए सरकार की सभी शर्तें पूरी करना पड़ती है। इसमें स्थाई पता से लेकर जमीन तक होना होता है। इसके अलावा गैस एजेंसी के लिए दफ्तर और गोदाम के लिए पर्याप्त जगह भी होना चाहिए।
-एजेंसी खोलने के लिए आवेदक को कम से कम 10वीं पास होना जरूरी है।
-जबकि आवेदक की आयु 21 साल पूरी होना जरूरी है।
-आवेदक के पास बैंक बैलेंस और फिक्स डिपाजिट भी होना चाहिए।
गैस एजेंसी के लिए इनको मिलता है आरक्षण
गैस एजेंसी लेने के लिए सरकार ने आरक्षण भी तय किया हुआ है। इसमें 50 प्रतिशत सामान्य वर्ग के व्यक्ति को गैस एजेंसी मिलेगी, जिसके बाद अनुसूचित जाति, जनजाति के लोगों के साथ ही सामाजिक रूप से अक्षम लोगों, भूतपूर्व सैनिक, स्वतंत्रता सेनानी, खिलाड़ी, सशस्त्र बल, पुलिस या सरकारी कर्मचारियों को भी आरक्षण के तहत गैस एजेंसी आवंटित की जाती है।
यह भी है जरूरी बातें
जमीन से लेकर गैस सिलेंडर वितरण तक के लिए कई चीजों की जरूरत होती है। इसमें सबसे है पर्याप्त जमीन और सिलेंडर वितरण के लिए पर्याप्त स्टाफ। इसके अलावा गोडाउन के लिए गैस कंपनी निर्धारित मानक तय करती है। इसमें सुरक्षा व्यवस्था और गोडाउन का साइज भी मायने रखता है।
-गैस कंपनी के डिस्ट्रीब्यूटर का लाइसेंस लेने के लिए सामान्य तौर पर पूरी प्रक्रिया में एक साल का समय लग जाता है।
देश की इन कंपनियों को है जरूरत
भारत की सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (IOC, HPCL , BPCL) को पांच हजार से अधिक गैस डिस्ट्रीब्यूटर्स नियुक्त करना है। हाल ही में केंद्र सरकार ने दो हजार लाइसेंस जारी किए हैं। इसमें मध्यप्रदेश के कई शहरों समेत ग्रामीण इलाकों के लिए गैस एजेंसी ली जा सकती है। अधिक जानकारी के लिए केंद्र सरकार की गैस कंपनियों की वेबसाइट का अवलोकन जरूर करें।