लड़कियों के इस योगदान को गांव ने सराहा
बता दें कि, हालही में मध्य प्रदेश के बैतूल में पहला व्यक्ति कोरोना से संक्रमित सामने आया है। साथ ही, प्रदेश के मुरैना की स्थिति तो हम सभी को पता ही है। जहां एक पति-पत्नी के संक्रमित होने का दंश पूरे शहर को भुगतना पड़ रहा है। शहर में अब तक कोरोना के 12 पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं। इन हालात को देखते हुए दोनो शहरों से सटे गांव की बेटियों ने बीड़ा उठाया कि, चाहे कुछ भी हो जाए, हम इस संक्रमण को अपने गांव में प्रवेश नहीं करने देंगे। कोरोना से बचाव करते हुए महिलाओं द्वारा अपने गांव के मुहाने को उन्होंने खुद ही पूरी तरह सील कर लिया है और उसपर एक बोर्ड टांग दिया है कि, कुछ दिनों के लिए बाहरी मेहमानों का गांव में आना वर्जित है। किसी बेहद जरूरी काम से आने वाले व्यक्ति को गांव में प्रवेश देने से पहले कुछ देर गांव की सरहद के बाहर ही बैठना होता है। इस दौरान ये लड़कियां उसपर नजर रखती हैं कि, कहीं संबंधित बाहरी व्यक्ति में कोरोना के लक्षण तो नहीं है। इसके बाद भी उन्हें किसी भी ग्रामीण के घर के अंदर जाने की अनुमति नहीं रहती। उसे घर के बाहर से ही अपना काम निपटाकर लौटना होता है।
मुरैना में युवतियों ने गांव को खुद किया लॉकडाउन
मुरैना जिले के एक गांव शिकार पुर की लड़कियां कोरोना काल के दौरान सरकार द्वारा लगाए गए लॉकडाउन की रियल हीरो बनकर उभरी हैं। इन लड़कियों ने बिना किसी पुलिस या प्रशासनिक सहायता के अपने गांव को खुद ही लॉकडाउन कर लिया है। उन्होंने गांव के मुहाने पर बेरिकेट लगाकर उसपर लिखा है कि, मेहमान व बाहर के लोग गांव में न आएं। मुरैना शहर से सटे शिकारपुर गांव की लड़कियां इस लॉकडाउन का पूरी मुस्तैदी से पालन कर रही हैं और पूरे गांव को भी इसके लिए प्रेरित कर रही हैं। गांव की रहने वाली पूजा यादव, उमा यादव, लक्ष्मी यादव, अंकिता यादव ने मिल-जुलकर तय किया कि, क्यों न हम सब मिलकर अपने गांव को क्वारेंटाइन कर ले। लड़कियों ने बताया कि, गांव से सटे मुरैना शहर के हालात वैसे ही बहुत खराब हो चुके हैं। ऐसे में गांव को क्वारेंटाइन करना जरूरी है। हालांक, ग्रामीणों ने भी गांव की इन युवतियों के प्रयास सराहा है।
बैतूल में गांव की महिलाओं ने संभाला मोर्चा
अपने गांव को कोरोना वायरस के दंश से बचाए रखने के लिए शहर में भी युवतियों ने ही आगे आकर अपने गांव को सुरक्षित रखने का बीड़ा उठाया है। बैतूल में सोमवार को कोरना का एक पॉजिटिव मरीज सामने आया है। हालांकि, शहर से सटे घोड़ा डोंगरी गांव की इन युवतियों ने पहले ही अपने गांव की सुरक्षा का बीड़ा उठाते हुए अपने गांव को बिना किसी प्रशासनिक सहायता के लॉकडाउन कर लिया है। यहां भी किसी बाहरी व्यक्ति का प्रवेश वर्जित है। गांव में बाहरी व्यक्ति के प्रवेश को रोकने के लिए ग्रामीण युवतियां किसी सिपाही की तरह 24 घंटे गांव की पहरेदारी कर रही है। साथ ही गांव में जगह जगह कोरोना से बचाव को लेकर हस्थ लिखित स्लोगन भी लिखे गए हैं, जिससे ग्रामीण खुद भी संक्रमण से बचे रहें। गांव के कई युवा भी इन युवतियों के साथ गांव की पहरेदारी में मदद कर रहे हैं। साथ ही, ग्रामीण भी युवतियों के इस कार्य की सराहना करते हुए उनका सहयोग कर रहे है।
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