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भोपाल

टूटे पड़े हैं खिड़कियों के कांच, अंदर कमरों में छाया रहता है अंधेरा

खंडहर भवन में चल रही को-ऑपरेटिक सोसाइटी, डर के साए में रहते हैं कर्मचारी

भोपालNov 11, 2019 / 10:25 pm

Rohit verma

टूटे पड़े हैं खिड़कियों के कांच, अंदर कमरों में छाया रहता है अंधेरा

टूटे पड़े हैं खिड़कियों के कांच, अंदर कमरों में छाया रहता है अंधेरा

भोपाल. पिपलानी स्थित पुराने स्टेट बैंक भवन मेें संचालित हो रही बीएचई को-ऑपरेटिव सोसायटी के कर्मचारियों को कार्यालय में हादसे का डर बना रहता है। भवन के दरवाजे और खिड़कियों के कांच टूटे होने से खिड़कियां हमेशा खुली रहती हैं। ऐसे में बाहर से कोई भी व्यक्ति अंदर कुछ भी सामन फेंक सकता है। इससे सांप-बिच्छू जैसे जहरीले जीव जंतुओं के भी घुसने का डर बना रहता है। कर्मचारियों की माने तो कार्यालय के कमरों में कई बार सांप तक घुस चुके हैं।

भवन के अन्य कमरों में अंधेरा होने के कर्मचारियों को हमेशा डर बना रहता है। कर्मचारी एक से दूसरे कमरे में भी जाने से कतराते हैं। ऐसे में कर्मचारी बरामदे में अपनी कुर्सी टेबल जमा रखे हैं। यहां कर्मचारियों को पीने के पानी टॉयलेट तक की व्यवस्था नहीं है। उन्हें पीने के लिए बाहर से पानी भरकर लाना पड़ता है, या फिर पौधों की सिंचाई करने वाले पानी से काम चलाना पड़ता है। कर्मचारी यहां जान जोखिम में डालकर नौकरी कर रहे हैं।

तिरपाल से बचा रहे रिकॉर्ड
बारिश के दौरान पूरे भवन में सीलन आने और छत से पानी टपकने के कारण कोऑपरेटिव सोसाइटी के कर्मचारियों को रिकॉर्ड बचाने के लिए तरह-तरह के जतन करने पड़े। छतों से टपक रहे पानी के कारण कर्मचारी अभी भी कार्यालय में मौजूद रिकार्ड को आलमारी में रखकर उसके ऊपर से तिरपाल बांध रखी है। यही हाल बाहर रखे रिकॉर्ड के भी हैं। उन्हें टेबिल पर रखकर उस पर तिरपाल डालकर बचाया जा रहा है।

टायलेट में नहीं आता पानी
सोसाइटी मेें बना टायलेट बदहाल होने से कर्मचारियों को बाथरूम तक के लिए बाहर जाना पड़ता है। इनका कहना है कि ध्यान नहीं दिए जाने के कारण पूरे भवन के साथ-साथ बाथरूम तक कंडम हो चुका है। कार्यालय में न तो पानी आता है ना ही बिजली जलती है। ऐसे में यहां के कर्मचारियों को बाहर बने सुविधा घर य खुले में जाने के लिए मजबूर होना पड़ता है।

कमरे में निकल चुके हैं सांप
को-ऑपरेटिव सोसाइटी के कार्यालय में अंदर के कमरों में अंधेरा छाया रहने से कर्मचारियों को हादसे का डर बना रहता है। ऐसे में सोसाइटी के कर्मचारी बाहर बरामदे में बैठकर काम करते हैं। इन्हें अंदर जाने तक में डर बना रहता है। नाम नहीं छापने की शर्त पर कर्मचारी ने बताया कि कमरों में कई बार सांप तक निकल चुके हैं। इससे कर्मचारी अंदर जाने से डरते हैं।

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