छात्र जीवन से शुरू किया राजनीति
गोपाल भार्गव छात्र राजनीति के दौर में कॉलेज निर्माण के लिए जेल में रहे। गोपाल भार्गव 1980 में पहली बार गढ़ाकोटा नगर पालिका के अध्यक्ष चुने गए थे। इसके बाद 1984 में पहली बार रेहली से विधायक बने। साल में दो बार सामूहिक विवाह सम्मेलन करवाने वाले भार्गव को ‘शादी बाबा’ के नाम से भी जाना जाता है। गोपाल भार्गव ने अपने बेटे की शादी भी ऐसे ही समारोह में की थी। भार्गव बुन्देलखंड अंचल के बीजेपी के कद्दावर नेता हैं। मध्यप्रदेश में बीजेपी सरकार में 15 साल लगातार मंत्री बने रहने वाले वे एक मात्र विधायक हैं। गोपाल भार्गव उमा भारती, बाबूलाल गौर और शिवराज सिंह चौहान तीनों मुख्यमंत्रियों के कार्यकाल में मंत्री रहे हैं।
गोपाल भार्गव को पार्टी ने अब नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी सौंपी है। इस दौरान उन्होंने कहा, मध्यप्रदेश में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व द्वारा नेता प्रतिपक्ष के रूप में जिम्मेदारी सौपी गई है जिसके लिए सभी का हृदय से आभार । वहीं, पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा, हमारे साथी गोपाल भार्गव जी को विधानसभा में विपक्ष का नेता चुने जाने पर हार्दिक बधाई। मुझे विश्वास है कि आप सदन में गरीबों, वंचितों की आवाज मुखर करेंगे।
गोपाल भार्गव के नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विधानसभा में उन्हें बधाई देते हुए उनकी तारीफ की। विधानसभा सत्र के दूसरे दिन मुख्यमंत्री कमल नाथ ने सदन में नेता प्रतिपक्ष चुने जाने पर गोपाल भार्गव को बधाई दी। मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि, नेता प्रतिपक्ष के अनुभव और सहयोग से सदन का संचालन सुचारू रूप से होगा। उन्होंने कहा- वरिष्ठ विधायक गोपाल भार्गव को मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष चुने जाने पर बहुत-बहुत बधाई। उम्मीद है कि कांग्रेस की सरकार के प्रदेश को विकास की दृष्टि से एक नई दिशा देने के संकल्प में उनका सराहनीय सहयोग व उनके अनुभव का लाभ हमें हमेशा मिलता रहेगा।