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भोपाल

मॉल में चोरी पकडऩे का फार्मूला जंगलों में लागू करेगी सरकार

मॉल में चोरी पकडऩे का फार्मूला जंगलों में लागू करेगी सरकार, जंगल में अवैध कटाई रोकने पेड़ों में लगेगी मैगनेट चिप

भोपालMar 10, 2019 / 09:25 am

Ashok gautam

जंगल

यह पेड़ 100 साल पुराना था और काफी बड़ा था इसलिए इसके गायब होने के बाद सब बेहद हैरान है।

भोपाल। बात थोड़ी बेतुकी लगे, लेकिन है हकीकत। मध्यप्रेदश सरकार मॉल मेंं चोरी पकडऩे का फार्मूला जंगलों में लकड़ी चोरी रोकने के लिए अख्तियार करने जा रही है। वन विभाग अब पड़ों पर वही मैग्रेटिक चिप लगाने जा रहा है जो शॉपिंग मॉल मेंं कपड़ों और दूसरे सामानों में लगी रहती है। दूसरी तरफ सड़कों के किनारे वही रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटीफिकेशन मशीने लगा दी जाएंगी जो मॉल के गेट पर लगी रहती है।
अब जैसे ही पेड़ काटकर कोई सड़क के रास्ते ले जाने का प्रयास करेगा, मशीनों में सायरन बजने लगेगा। मध्यप्रदेश संभवत: देश का पहला ऐसा राज्य होगा जहां वनों की अवैध कटाई रोकने के लिए यह नायाब नुस्खा आजमाया जा रहा है।
वन विभाग प्रयोग के तौर पर इस तरह की पेड़ों पर मैग्रेटिक चिप भोपाल और उसके आस-पास के जंगलों में लगाएगा। अच्छे परिणाम आने पर इसे पूरे प्रदेश में जंगलों में लगाया जाएगा।

विभाग ने इसकी तैयारी कर ली है और हाल ही में वन मंत्री उमंग सिंघार और एसीएस केके सिंह के सामने प्रजेंटेशन दिया गया है। सिंघार ने इसकी प्रारंभिक स्वीकृति दे दी है।
चिप की कीमत 40 रू, एक पेड़ पर लगेगी 3 चिप-

अवैध वन कटाई रोकने का यह नुस्खा वन विभाग को थोड़ा महंगा पड़ सकता है। एक मैग्नेटिक चिप की कीमत लगभग 30 से 40 रुपए बताई जा रही है। ऐसी तीन से चार चिप एक पेड़ पर लगाई जाएगी।
ऐसे में पूरे जंगल के पेड़ों पर चिप लगाने का खर्च अरबों में बैठ सकता है। एक चिप की दूसरे चिप से दूरी दो मीटर के आस-पास रखी जाएगी। पेड़ों से चिप को निकालना लोगों के लिए थोड़ा मुश्किल होगा, क्योंकि यह जमीनी सतह से कम से कम 6 फीट ऊपर पेड़ के तने में छेद करके फिट किया जाएगा।
वन विभाग का दावा है कि चिप कहां छिपी है इसका आसानी से पता नहीं चल सकेगा।
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कैसे काम करेगा यह सिस्टम

पेड़ों की अवैध कटाई कर आरोपी जैसे ही पेड़ उठाकर सड़क पर पहुंचेंगेे, वैसे ही रेडियो फ्रिक्वेंसी अडेंटीफिकेशन मशीनों से पेड़ों लगे मैगनेट चिप की तरंगे मिल जाएंगी और मशीन से आवाज आने लगेगी। इससे कंट्रोलरूम में अलार्म भी बजने लगेगा। अलर्ट पाते ही वन विभाग का अमला नाकाबंदी कर पेड़ों की कटाई करके लकड़ी ले जाने वालों को पकड़ सकेगा।
कंट्रोल कमांड डीएफओ, सीसीएफ तथा प्रदेश में स्थापित आईटी सेंटर में होगा। इसका एक सिस्टम बीट गार्ड को भी दिया जिससे की वह अलार्म बजने पर पूरी तरह से सक्रिय हो जाए।

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बीटगार्ड के जैकेट में भी होगा यह सिस्टम

बीट गार्ड के जैकेट में भी रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटीफिकेशन मशीनें लगाई जाएंगीं। जिससे वे पेड़ों की अवैध कटाई और परिवहन को रोक सकें। बीट गार्ड जंगल के रास्तों से इस जैकेट को पहनकर गश्त करेंगे।
जिससे ट्रेक्टर अथवा छोटे वाहनों से पेड़ों का अवैध परिवहन को रोका जा सके।
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५३ हजार से अधिक प्रकरण दर्ज

वनों की अवैध कटाई के पिछले साल ५३ हजार प्रकरण दर्ज किए गए थे। इसमें अवैध उत्खनन के करीब १७ सौ प्रकरण थे। सबसे ज्यादा वनों की अवैध कटाई भोपाल, ग्वालियर और खंडवा वन मंडल में होती है।
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वनों की अवैध कटाई रोकने के लिए पेड़ों पर चिप लगाने के संबंध में कार्य योजना तैयार की जा रही है। पेड़ों में कहां मैगनेट चिप लगाई जाए, कंपनियां चिप कितने में देंगी, इस संबंध में अभी चर्चा चल रही है। प्रयोग के तौर पर इसे भोपाल के आस-पास के जंगलों में लगाया जाएगा।
जेके मोहंती

प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन बल प्रमुख, मध्यप्रदेश

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