इन योजनाओं के तहत सरकार बिजली कंपनियों को 12 हजार करोड़ रुपए की सब्सिडी हर साल चुकाएगी। प्रदेश के 97 लाख गरीब परिवारों को एक रुपए प्रति यूनिट की दर से सस्ती बिजली देने के लिए सरकार बिजली कंपनियों को हर साल 3400 करोड़ रुपए चुकाएगी। वहीं किसानों का बिजली बिल आधा करने के लिए बिजली कंपनियों को हर साल 8760 करोड़ रुपए देने होंगे। इस तरह सरकार एक साल में 12160 करोड़ और पांच साल में 60800 करोड़ रुपए सब्सिडी के रुप में बिजली कंपनियों को देगी।
इन घरेलू उपभोक्ताओं मिल रही बिजली :
प्रदेश में कुल 1 करोड़ 16 लाख 97 हजार 880 घरेलू उपभोक्ता हैं। सरकार ने सस्ती बिजली के तहत पहले महीने में 97 लाख 40 हजार 699 उपभोक्ताओं यानी 83 फीसदी लोगों को फायदा पहुंचाया। पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के तहत 87 फीसदी, मध्यक्षेत्र के 80 फीसदी और पश्चिम क्षेत्र के 82 फीसदी उपभोक्ताओं को इस योजना का लाभ मिल रहा है। इस योजना के तहत 150 यूनिट की बिजली खपत पर उपभोक्ताओं से 100 यूनिट का एक रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से बिल लिया जा रहा है।
किसानों को इस तरह मिल रहा फायदा :
कांग्रेस ने किसानों को बिजली बिल आधा करने का वचन दिया था। इसके तहत सरकार ने 1400 रुपए प्रति हॉर्स पॉवर कृषि पंपों का सालाना बिल आधा कर 700 रुपए प्रति हॉर्स पॉवर प्रति वर्ष कर दिया है। इसके तहत सरकार 2623 करोड़ रुपए की सब्सिडी दे चुकी है और बाकी 6138 देने का प्रावधान किया है। इस सब्सिडी का फायदा 20 लाख किसानों तक पहुंचेगा।
47 हजार करोड़ के घाटे में बिजली कंपनियां :
वर्तमान में तीनों विद्युत वितरण कंपनियां 47400 करोड़ रुपए के घाटे में चल रही हैं। बिजली कंपनियों पर ये वो कर्ज है जो पिछली शिवराज सरकार ने संबल योजना के तहत गरीबों को सिंचाई के लिए किसानों को सस्ती बिजली उपलब्ध कराई थी। सरकार ने ये सब्सिडी बिजली कंपनियों को नहीं दी जिससे उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो गई। वर्तमान सरकार का दावा है कि वो हर साल न सिर्फ 12 हजार करोड़ की सब्सिडी इन बिजली कंपनियों में जमा करेगी साथ ही इन कंपनियों को इस घाटे से भी उबारा जाएगा। पहले साल के लिए सरकार ने बजट में इस राशि का प्रावधान किया है।
संबल से डीलिंक हुई बिजली की योजना :
संबल योजना के तहत पिछली सरकार गरीबों को सस्ती बिजली मुहैया कराती थी। जांच में ये बात सामने आई है कि इस योजना के तहत बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा किया गया है। संपन्न घरों के लोगों ने गरीब बनकर संबल योजना में सस्ती बिजली का उपयोग किया है। सरकार ने इस योजना में परिवर्तन कर इसका नाम नया सवेरा कर दिया है। साथ ही इस योजना से बिजली की रियायत को अलग कर दिया है। यानी इस योजना के तहत अलग से कम दरों पर बिजली नहीं मिलेगी।
सरकार का वसूली अभियान :
सरकार ने राजस्व बढ़ाने और अपनी योजनाओं को बेहतर रुप से संचालिक करने के लिए प्रदेश में विशेष वसूली अभियान शुरु किया है। इसके तहत मोबाइल वैन लोगों के घर तक जा रही हैं और उनसे बिल जमा करवा रही हैं। उपभोक्ताओं को पुराने बिलों पर छूट भी दी जा रही है। सरकार ने लोगों से अपील की है कि यदि वे बिल जमा करेंगे तो आने वाले समय में बिजली की दरों में कटौती की जाएगी।
– वचन पत्र के तहत सरकार गरीबों और किसानों को सस्ती बिजली उपलब्ध करा रही है। इसके तहत सरकार बिजली कंपनियों को 12 हजार करोड़ रुपए सब्सिडी के हर साल चुकाएगी। हम प्रदेश में सबसे सस्ती बिजली उपलब्ध करा रहे हैं। इस योजना का फायदा 80 फीसदी से ज्यादा उपभोक्ताओं को मिल रहा है। 47 हजार करोड़ के घाटे में चल रहीं बिजली कंपनियों को भी हम इस कर्ज से उबारेंगे।
– प्रियव्रत सिंह उर्जा मंत्री,मप्र