उड़ान भरने के बाद यदि विमान में खराबी आती तो बड़ी दुर्घटना हो सकती थी। राज्यपाल और उनके स्टाफ को जब हकीकत पता चली तो उन्होंने भगवान का शुक्र मनाया और यात्रा रद्द कर दी।
स्टेट हैंगर के सूत्रों का कहना है कि राज्यपाल टंडन सुबह पौने आठ बजे राजभवन से अपने स्टाफ के साथ जबलपुर जाने के लिए स्टेट हैंगर पहुंचे थे। उन्हें सुबह नौ बजे तक जबलपुर पहुंचकर उपराष्ट्रपति का स्वागत करना था, लेकिन ऐन मौके पर विमान में खराबी आ गई, जिससे वह जबलपुर नहीं पहुंच पाए।
राज्यपाल के साथ उनके विशेष कर्त्तव्यस्थ अधिकारी संजय चौधरी, एडीसी राना के अलावा एक सहायक जबलपुर जाने के लिए विमान में बैठ चुके थे। राज्यपाल जब स्टेट हैंगर पहुंचे तब विमान तैयार था, राज्यपाल टंडन के सवार होने के बाद विमान ने उड़ान भरने के लिए रनवे पर दौड़ लगा दी, लेकिन कुछ दूर चलने के बाद ही वह झटके के साथ से बंद हो गया।
विमान के पायलट और क्रू दल ने कुछ देर तक मरम्मत करने का प्रयास किया, लेकिन विमान दोबारा स्टार्ट नहीं हो सका। राज्यपाल करीब आधा घंटे तक विमान में ही बैठे रहे, किसी दूसरे साधन से समय पर जबलपुर पहुंचना संभव नहीं था, इसलिए वह विमान से उतरकर वापस राजभवन लौट आए।
राज्यपाल भी हैरान
राज्यपाल टंडन खुद इस बात से हैरान हैं कि विमान में यदि उड़ान भरने के बाद खराबी आती तो बड़ा हादसा हो सकता था। पायलट और विमानन विभाग के अधिकारियों ने भी दुर्घटना टलने पर राहत की सांस ली। राजभवन के सूत्रों का कहना है कि समय पर जबलपुर पहुंचना मुश्किल था, इसलिए राज्यपाल ने यात्रा रद्द कर दी।
बूढ़ा हो चुका है विमान
मध्यप्रदेश सरकार का यह विमान (बी-200) करीब 20 साल पुराना हो चुका है। सरकार इसे एक कंपनी को बेचने का सौदा भी कर चुकी है। विमानन विभाग के अधिकारियों का दावा है कि विमान के नए-पुराने होने से कोई फर्क नहीं पड़ता। विमान के पार्ट्स बदलते रहने से वह काम चलाऊ बना रहता है। विमान में जो खराबी आई वह ज्यादा गंभीर नहीं थी।
मैं भोपाल से बाहर हूं, मुझे इतना ही पता चला है कि तकनीकी खराबी के कारण विमान नहीं उड़ सका। जबलपुर जाने के लिए मैंने हेलिकाप्टर भी तैयार करवा दिया था, लेकिन समय की कमी के चलते राज्यपाल ने अपना कार्यक्रम निरस्त कर दिया।
– अनिरुद्ध मुखर्जी, प्रमुख सचिव, विमानन विभाग, मप्र शासन