दिग्विजय सिंह ने कहा कि पार्क की में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री स्व. बाबूलाल गौर ने पौधरोपण किया था। ऐसा क्या हो गया कि जमीन आरएसएस की संस्था को दे दी गई। यहां पेड़ काटे जा रहे हैं। मुख्यमंत्री चौहान पौधे लगाने का नाटक कर रहे हैं। वह अपने ही लगाए पौधों को कटवा रहे हैं। इंडस्ट्रियल एरिया के 95 प्रतिशत लोग पार्क की जमीन लघु उद्योग भारती संस्था को आवंटन करने के खिलाफ हैं। जमीन देना है तो अचारपुरा में दें। दूसरी संस्थाओं को भी दीजिए। गोविंदपुरा में जमीन का आवंटन असंवैधानिक है। इस जमीन का न तो लैंड यूज बदला है, न बिल्डिंग परमिशन ली गई है। हमने कलेक्टर अविनाश लवानिया से कहा कि हमारी सीएम से मुलाकात करा दें। उन्होंने जवाब दिया कि वह उपलब्ध नहीं हैं। सिंह ने कहा- सवाल है कि क्या वह चंदाखोरों और दलालों के लिए हैं। हमारी लड़ाई जारी रहेगी। हम लोग अदालत की लड़ाई लड़ेंगे। विधानसभा में भी लड़ेंगे।
लघु उद्योग भारती संस्था गार्डन की जगह पर कार्यालय बनाना चाहती है। गार्डन की देखरेख उद्योगपति 50 साल से करते आ रहे हैं। गार्डन के मुख्य गेट पर ताला भी एसोसिएशन का है। आरोप है कि कुछ दिन पहले भारती से जुड़े लोगों ने पीछे से बाउंड्री तोड़ छोटे पौधे उखाड़ दिए। करीब 750 एकड़ में एक ही गार्डन है। कार्यालय बनने से आवक-जावक बढ़ेगी, जिससे माल लाने-ले जाने में परेशानी होगी। इसे लेकर वे विधायक, मंत्री, सचिव, सरकार तक बात पहुंचा चुके हैं।
कोरोना आपदा में शासकीय आदेशों का उल्लंघन करने के मामले में दिग्विजय सिंह, गोविंद गोयल, पीसी शर्मा, कैलाश मिश्रा, विभा पटेल, राहुल सिंह राठौड़, योगेंद्र सिंह चौहान सहित 200 कार्यकर्ताओं के खिलाफ अशोक गार्डन थाने में एफआइआर दर्ज की गई है। दिग्विजय सिंह ने कहा है कि भूमि आवंटन की जानकारी विधायक कृष्णा गौर तक को नहीं दी गई ये बात उन्होंने मुझे बताई। सीएम को फोन किया तो फोन नहीं उठाया। मैं इस आवंटन का हर स्तर पर विरोध जारी रखूंगा।
ओमप्रकाश सकलेचा एमएसएमई मंत्री