साहब का इलाका है…
रामगढ़ के शहरी इलाके में तंग गलियों से सामना हुआ। सब्जी बेचने वाले नावेद खान से पूछा- इतना अतिक्रमण क्यों है तो बोले- साहेब का इलाका है। यहां तो गलियां छोटी-छोटी ही हैं। यहां से हटाया तो कितने ही घरों के चूल्हे जलना बंद हो जाएंगे। हमने किले का रास्ता पूछा, तो बताने वाले दो-तीन लोग मिल गए।
लोगों से रोज सुबह मिलते है...
किले पर लोगों की भीड़ मिली। जयवर्धन उनसे रोज सुबह मिलते हैं। बनवारी लाल मीणा बोले- गन्ने के मुआवजे का पैसा नहीं मिला। हमने पूछा गन्ने का पैसा तो सरकार देती है। बनवारी बोले, सरकार से नहीं मिला, शायद यहां से मिल जाए।
पीढिय़ों से दे रहे वोट…
धीरव राम खिलाड़ी बोले, हैंडपंप खराब हो गया है। यहां से कोई मदद मिल जाए तो चालू हो जाएगा। जगदीश बंजारा कहते हैं, हमारे पिताजी के समय से यहां आते हैं। हम, हमारे पिताजी और हमारी औलाद आखिरी सांस तक वोट साहेब को ही देंगे। समस्या हल हो या नहीं।
कुछ हमसे बतियाये…
कीर्तन मंडली के लिए काम मांगने आई चारंगपुर की सावित्री बाई कहती हैं, हमारा परिवार कई पीढिय़ों से साहब को ही वोट देता है। ऐसी बात करने वाले कई लोग मिले। जब जयवर्धन सिंह आए तो सबसे पहले हनुमान मंदिर में माथा टेका, फिर लगभग सभी से मिले।
रजिस्टर से नाम पुकार-पुकारकर खुद ने लोगों को बुलाया। चुनावी दौरे की जल्दी थी, इसलिए सबसे हाथ जोड़कर बाद में मिलने की बात कहते रहे। कुछ हमसे बतियाये, बोले- गांव के लोग हैं, बहुत छोटे-छोटे काम होते हैं। इनकी मदद कर दो तो याद रखते हैं। जयवर्धन के राघोगढ़ ब्लॉक चुनाव कार्यालय पहुंचे तो बैठकों का दौर चल रहा था।
प्रचार में जुटी दोनों प्रत्याशियों की टीम
जयवर्धन के चुनाव कार्यालय में रणवीर सिंह ने बताया, यहां से कार्यकर्ताओं को प्रचार के लिए घर-घर भेजा जाता है। सभी दिनभर संपर्क करते हैं। भाजपा प्रत्याशी भूपेंद्र रघुवंशी के चुनाव कार्यालय में प्रचार वाली गाडिय़ों को रूट बताए जा रहे हैं। 20 गाड़ी ब्लॉक में लगी हैं। दिनेश सैनी बताते हैं, यहां से गाड़ी रवाना हो जाएंगी, उसके बाद कार्यकर्ताओं को उनका रूट बताया जाएगा।
यहां किसी को कुछ नहीं मिलता…
भूपेंद्र के कार्यालय के बाहर खड़े पुरुषोत्तम विश्वकर्मा खड़े थे। वे बोले, 60 साल हो गए,किसी को कुछ मिलता है तो केवल किले के समर्थकों को। चाहे नौकरियों हो या मदद। बजरंग जाटव बोले, पढ़-लिख जाओ तब भी छोटे काम करने पड़ते हैं। संजय सागर कहते हैं, शिवराज का राज है, मजा आ गया है। सब चकाचक हो रहा है। इनसे दूर राघोगढ़ की संजय सागर कॉलोनी के कई लोगों से मुलाकात हुई।
भगवान दास कोहरी बोले, हमारे वार्ड में बहुत दिक्कत। राशन की पर्ची की पात्रता है, लेकिन पर्ची बनवाने जाओ तो भगा देते हैं। सीताखेड़ी के भूरेलाल कुशवाहा कहते हैं- दो बीघा जमीन है, लेकिन हर बार नुकसान हो रहा है। नौकरी-धंधे हैं नहीं, समझ नहीं आता आगे ब’चों को क्या कराएं। खेरखेड़ी के अंगरस कहते हैं, यहां जो है, बाबासाहेब के कारण है।&पूरे पांच साल जनता से जुड़ा रहा हूं। उनकी हर समस्या को सुलझाता हूं।
राघोगढ़ से अशिक्षा और रोजगार धंधे की कमी को पूरी तरह दूर करना है। पिताजी के समय पहला एलपीजी प्लांट, पहले डीपीएस स्कूल और पहला जेपी प्लांट लाए।
जयवर्धन सिंह, कांग्रेस
पूरा राघोगढ़ बेरोजगारी, शिक्षा, अतिक्रमण और स्वास्थ्यगत परेशानियों से भरा पड़ा है। यहां एक ही रियासत के राज को खत्म करके लोकतंत्र लाना है। हम यहां उद्योग-धंधे और विकास लाएंगे। विकास के लिए नया रोडमैप तैयार कर रहे हैं।
भूपेंद्र रघुवंशी, भाजपा
दोनों प्रत्याशियों की ताकत और कमजोरी…
जयवर्धन सिंह, कांग्रेस
ताकत : मिलनसार। हर सुबह जनता से रूबरू होते हैं। रियासत का परंपरागत वोट बैंक साथ है।
कमजोरी : परिवारवाद का ठप्पा। दिग्विजय की निगेटिव इमेज का असर। कम उम्र व कम लोगों को जानना।
भूपेन्द्र रघुवंशी, भाजपा
ताकत: भाजपा का वोटबैंक मिलना। अर्बन और बेरोजगारी वाले क्षेत्रों में सक्रियता
कमजोरी : जनता से कनेक्ट नहीं। कम लोगों का जानना। क्षेत्र में नेटवर्क और टीम की कमी।
ये कहते है लोग…
रियासत से खुश रहने वालों के बीच चंद नाराज लोग भी हैं, जो दो टूक कहते हैं कि यहां जो मिलता है वो किले से जुड़े लोगों को मिलता है। बाकी किसी को कुछ नहीं मिलता। वह नौकरी हो या कोई मदद…
15 साल में ये रहे विधायक
2013 जयवर्धन सिंह, कांग्रेस
2008 मूलसिंह दादा भाई, कांग्रेस
2003 दिग्विजय सिंह, कांग्रेस