ऑर्गनाइजेशन की चार सदस्यीय टीम में अध्यक्ष एडवोकेट आराधना भार्गव, प्रदेश महासचिव वासिद खान, सामाजिक कार्यकर्ता राकेश मिश्रा और श्रीकांत वैष्णव शामिल थे। टीम ने 19 मई को शिकारियों के गांव विदौरिया में लोगों से बात कर रिपोर्ट तैयार की है। इसमें नौशाद और शहजाद की मां हसीन बानो के हवाले से बताया गया कि उनके एक और बेटे सिराज की बेटी अर्शी की शादी थी। 13 मई की रात गांव का सरपंच और एक अन्य व्यक्ति आया और नौशाद और शहजाद को जंगल ले गया। सरपंच अपने साथ बंदूक भी लाया था। देर रात सरपंच नौशाद को साथ लेकर आया और नीचे के कमरे में लेटाकर चला गया। इसके बाद पुलिस आई और नौशाद को लेकर चली गई। गांव के बाहर गोलीबारी हुई। पुलिस ने परिजनों से मारपीट की। नौशाद के अंतिम संस्कार में आए दूसरे बेटे शहजाद को भी पुलिस ने मार डाला। पुलिस ने तीनों बेटों के मकान तोड़ दिए और पोती की शादी के लिए रखे दो लाख रुपए समेत अन्य जेवरात साथ ले गए। टीम ने गांव में उन लोगों के परिजनों से भी बात की है, जिनके मकान तोड़े गए हैं। जांच रिपोर्ट में बगैर वैधानिक कार्रवाई के लोगों के घरों के तोडऩे पर सवालिया निशान लगाया है।