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भोपाल

गुना एनकाउंटर की जांच और तीन पुलिसकर्मियों की मौत की जांच कराने हाईकोर्ट में लगाई याचिका

-नेशनल कंफेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन मप्र ने पुलिस कार्रवाई पर उठाए सवाल-घटनास्थल पर पहुंचकर चार सदस्यीय टीम ने की जांच, रिपोर्ट में एनआकउंटर की जांच की मांग

भोपालMay 28, 2022 / 10:08 pm

manish kushwah

गुना एनकाउंटर की जांच और तीन पुलिसकर्मियों की मौत की जांच कराने हाईकोर्ट में लगाई याचिका

गुना एनकाउंटर की जांच और तीन पुलिसकर्मियों की मौत की जांच कराने हाईकोर्ट में लगाई याचिका

भोपाल. गुना जिले के आरोन के जंगल में 14 और 15 मई की रात शिकारियों से हुई मुठभेड़ में तीन पुलिसकर्मियों की मौत और इसके बाद पुलिस एनकाउंटर में तीन आरोपियों को ढेर किए जाने और एक शॉर्ट एनकाउंटर में दो आरोपियों के घायल होने के मामले की जांच के लिए हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई है। नेशनल कंफेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन मप्र की ओर से ये याचिका लगाई गई है। मंगलवार को गांधी भवन में आयोजित प्रेस वार्ता में ऑर्गनाइजेशन की चार सदस्यीय टीम द्वारा 19 मई को की गई जांच की रिपोर्ट भी सामने रखी। ऑर्गनाइजेशन की प्रदेश अध्यक्ष आराधना भार्गव ने आरोप लगाया कि पूरे मामले में सफेदपोशों को बचाने के लिए पुलिस कार्रवाई की जा रही है। आरोन समेत आसपास के जंगलों में शिकारी लंबे समय से वन्य जीवों का शिकार कर रहे हैं। यहां से मांस की सप्लाई भोपाल में सफेदपोशों के अलावा अन्य शहरों में होती है। इधर, पुलिस ने एकतरफा कार्रवाई कर शिकारियों को गिरफ्तार कर पूरे मामले की तह तक जाने की बजाय कथित रूप से एनकाउंटर कर उन्हें मार डाला। भार्गव ने कहा, तीन आरोपियों नौशाद, शहजाद और जहीर खान को पुलिस एनकाउंटर में मारने के साथ ही इनके घरों को बुलडोजर से जमीेंदोज कर दिया गया। साथ ही विदौरिया गांव के अन्य लोगों के घरों को भी तोड़ा गया है, जिससे ये परिवार खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं। इसके अलावा घटना वाले दिन शिकारियों को पकडऩे के लिए गई टीम की थाने में एंट्री समेत हथियारों की भी जानकारी मुहैया नहीं कराई गई। वन क्षेत्र होने के बावजूद वन विभाग के अमले को पूरे मामले से दूर रखा गया।
जांच रिपोर्ट में उठाए ये सवाल
ऑर्गनाइजेशन की चार सदस्यीय टीम में अध्यक्ष एडवोकेट आराधना भार्गव, प्रदेश महासचिव वासिद खान, सामाजिक कार्यकर्ता राकेश मिश्रा और श्रीकांत वैष्णव शामिल थे। टीम ने 19 मई को शिकारियों के गांव विदौरिया में लोगों से बात कर रिपोर्ट तैयार की है। इसमें नौशाद और शहजाद की मां हसीन बानो के हवाले से बताया गया कि उनके एक और बेटे सिराज की बेटी अर्शी की शादी थी। 13 मई की रात गांव का सरपंच और एक अन्य व्यक्ति आया और नौशाद और शहजाद को जंगल ले गया। सरपंच अपने साथ बंदूक भी लाया था। देर रात सरपंच नौशाद को साथ लेकर आया और नीचे के कमरे में लेटाकर चला गया। इसके बाद पुलिस आई और नौशाद को लेकर चली गई। गांव के बाहर गोलीबारी हुई। पुलिस ने परिजनों से मारपीट की। नौशाद के अंतिम संस्कार में आए दूसरे बेटे शहजाद को भी पुलिस ने मार डाला। पुलिस ने तीनों बेटों के मकान तोड़ दिए और पोती की शादी के लिए रखे दो लाख रुपए समेत अन्य जेवरात साथ ले गए। टीम ने गांव में उन लोगों के परिजनों से भी बात की है, जिनके मकान तोड़े गए हैं। जांच रिपोर्ट में बगैर वैधानिक कार्रवाई के लोगों के घरों के तोडऩे पर सवालिया निशान लगाया है।

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