ये होंगे प्रमुख स्तंभ
– ग्रामीण पर्यटन के लिए आदर्श नीतियां और सर्वोत्तम प्रथाएं
– डिजिटल प्रौद्यौगिकी मंच
– ग्रामीण के लिए अधिक से अधिक क्लस्टर तैयार करना
-विपणन सहायता को विकसित करना
-शासन और सस्थागत ढ़ांचा तैयार करना
जिला —— ग्रामीण क्लस्टर—- पर्यटन थीम ——————खर्च राशि करोड में
छतरपुर——अछत्त———पर्यटन स्थलों का सौदर्यीकरण ——10.97
छिंदवाड़ा —-डेलाखाऱी——पर्यटन स्थलों का सौदर्यीकरण ——-3.00
इंदौर ——नवपद पंथ —-साइकिल ट्रैक———————8.00
इंदौर ——सिमरोल —-पर्यटन स्थलों का सौदर्यीकरण ———-2.00
मंडला—–रामनगर —–पगडंडी—————————-0.83
सिवनी—–कान्हीवाड़ा —–पगडंडी ———————–1.75
दरें तय करेंगी समितियां
पर्यटकों को रात्रि विश्राम, भ्रमण, आटो-टैक्सी, गाइड और पार्किंग सहित अन्य दरें ग्रामीण पर्यटन समितियां तय करेंगी। इसके लिए नगरीय और पंचायत स्तर पर उन्हें तमाम तरह की अनुमतियां लेनी होंगी। ग्रामीण अपने घरों में भोजन, चाय-नाश्ता के लिए होटल खोलने और ठहरने के लिए कमरे की व्यवस्था कर सकेंगे, लेकिन उन्हें समितियों में रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा। पर्यटकों को वहां रात्रि विश्राम करने के लिए आधार नम्बर दर्ज कराना अनिवार्य होगा।
पर्यटन बोर्ड बनाएगा प्रदेश में 20 क्लस्टर
मप्र टूरिज्म बोर्ड प्रदेश में 20 ग्रामीण पर्यटन क्लस्ट तैयार कर 100 गांवों को ग्रामीण क्षेत्रों को पर्यटन के रूप में विकसित करेगा। पहले चरण में ग्वालियर-ओरछा, खजुराहो-पन्ना और सीधी जिले में क्लस्टर बनाए जाएंगेा। पर्यटन बोर्ड दिल्ली के पर्यटकों के लिए नार्थ एमपी पर्यटन क्षेत्र जैसे खजुराहो,ओरछा, बैतूल और मुम्बई और गुजरात के पर्यटकों के लिए इंदौर संभाग के पर्यटन क्षेत्रों के ग्रामीणों को क्लस्टर के रूप में तैयार किया जाएगा। वहीं जनजातीय क्लस्टर के लिए झाबुआ, बुरहानपुर, बैतूल, मंडला, डिंडोरी और उमरिया के ग्रामीण क्षेत्रों का क्लस्टर तैयार किया जाएगा।