शहर में छह नंबर, दस नंबर, न्यू मार्केट, बिट्टन, पुराना शहर, हमीदिया रोड, कमला पार्क के पास, जहांगीराबाद, पीरगेट, कोतवाली, करोद, बैरसिया रोड, एयरपोर्ट रोड, लालघाटी, बैरागड़, इधर अयोध्या बायपास, अवधपुरी, भेल, होशंगाबाद रोड, मिसरोद, कोलार, एमपी नगर फूड स्ट्रीट सहित शहर में कई अन्य क्षेत्रों में 5000 से 6000 खाने के स्टॉल, ठेले व अन्य मोडिफाइड वाहनों में खाद्य सामग्री बेचते हैं। अधिकांश लोग समोसा, कचौड़ी, मंगोड़े, भजिए, आलू टिक्की, छोले भटूरे, छोले कुल्चे, पेटीज, डोसा व अन्य तली हुई चीजेें इनसे खाते हैं। लेकिन इनमें उपयोग होने वाले तेल की जांच खाद्य सुरक्षा विभाग के अमले ने लंबे समय से नहीं की है। भेल या अन्य जगह लगने वाली हाटों में भी इनको देखा जा सकता है।
काला पड़ जाता है तेल, दिल के लिए नुकसानदायक
एफएसएसएआई (भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण )के अनुसार खाद्य तेल को अधिक से अधिक दो बार ही उपयोग करना चाहिए। ज्यादा बार तेल को जलाने से तेल में उतनी ही ट्रांस फैटी एसिड की मात्रा बढ़ेगी। यह पदार्थ हृदय में चर्बी को बढ़ा देता है, जिससे खून प्रवाहित होने वाली मुख्य तीन नलियों में ब्लॉकेज आ जाती है। जिससे हृदय की खून की नलियां ब्लॉक हो जाती हैं। अगर आपने स्वाद के चलते लंबे समय तक जले तेल में बनी खाद्य सामग्री का उपयोग किया तो नुकसान तय समझिए।
पीने का पानी और गंदगी के ढेर
जहां इस तरह के फास्ट फूड कॉर्नर और ठेले लगते हैं वहां पर पीने का पानी तक किस कैटेगिरी का रहता है किसी को नहीं पता। ये लोग किसी तलाब या नगर निगम का पानी ही अधिकांश उपयोग करते हैं। ये पानी भी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। वहीं आस-पास काफी गंदगी का ढेर भी लगा रहता है। इसलिए सस्ते के चक्कर में पेट तो भर जाएगा, लेकिन बीमारियां भी साथ लेकर आएगा।
जले तेल बेचने की व्यवस्था खत्म
ईट राइट चैलेंज के तहत रुको अभियान में कुछ दिन पहले तक जिले में हॉकर्स कॉर्नर व अन्य फूड स्टॉल, रेस्टोरेंट के पास बड़े ड्रम रखवाए गए थे। जिसमें व्यापारी तीस रुपए किलो में जले तेल को बेच सकते थे। काफी समय से ये ड्रम भी गायब हो गए हैं। जिले में करीब दो हजार लीटर जला तेल पूर्व में एक निजी कंपनी ने खरीदकर बायोडीजल के रूप में उपयोग किया था।
वर्जन
हम हॉकर्स कॉर्नर पर ठेले लगाने वालों को ट्रेनिंग देकर उनको समझाइश देंगे कि वे जले तेल का बार-बार उपयोग न करें और खाद्य सामग्री में गुणवत्ता का ध्यान रखें। इस बारे में जल्द ही कार्यक्रम शुरू करेंगे। अगर नहीं माने तो कार्रवाई भी की जाएगी।
देवेंद्र दुबे, मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी