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भोपाल

हार्ट प्रॉब्लम के सॉल्यूशन के लिए प्राइमरी स्कूल लेवल पर शामिल करना होंगे हेल्थ चैप्टर

इस वर्ष माय हार्ट, योर हार्ट के संदेश के साथ मनेगा विश्व हृदय दिवस

भोपालSep 27, 2019 / 11:31 pm

hitesh sharma

हार्ट प्रॉब्लम के सॉल्यूशन के लिए प्राइमरी स्कूल लेवल पर शामिल करना होंगे हेल्थ चैप्टर

हार्ट प्रॉब्लम के सॉल्यूशन के लिए प्राइमरी स्कूल लेवल पर शामिल करना होंगे हेल्थ चैप्टर

भोपाल। पहले 60 साल से ज्यादा के व्यक्ति को हार्ट की प्रॉब्ल्म होती थी। अब व्यक्ति की उम्र तो 30 साल होती है लेकिन दिल की उम्र 55 साल हो जाती है। मरीज और उसके परिवार को लगता है कि इतनी कम उम्र में हार्ट अटैक आ गया। आज के समय में पैरेन्ट्स को ही नहीं पता कि बच्चों को खाने में क्या डिसेज देना चाहिए। बच्चों को पिज्जा-बर्गर जैसी चीजें खिलाई जा रही है। स्कूल में प्राइमरी लेवल पर ही हेल्थ चैप्टर को शामिल किया जाना चाहिए। इसमें बच्चों को बताया जाना चाहिए कि उन्हें किस तरह के फूड आइटम्स खाने से आगे चलकर क्या प्रॉब्लम हो सकती है। यह बात वल्र्ड हार्ट डे के अवसर पर आयोजित संवाद कार्यक्रम में हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ़. पंकज मानोरिया ने दी।

हृदय रोग आज दुनिया की नंबर वन जानलेवा बीमारी

डॉ. मानोरिया ने कहा कि हृदय रोग आज दुनिया की नंबर वन जानलेवा बीमारी है। लेकिन इस सच्चाई से मायूस होने की जरूरत नहीं है हमारे जीवन में कुछ छोटे बदलाव करके, हम हृदय रोग और स्ट्रोक के जोखिम को कम कर सकते है। साथ ही साथ इससे पीडि़त लोगों केे जीवन की गुणवत्ता में सुधार कर सकते हैं और अगली पीढ़ी के लिए एक अच्छा उदाहरण स्थापित कर सकते हैं। इसके लिए हमें अपने और अपने प्रियजनों के दिल की देखभाल का कदम आज ही उठाना होगा। इसी बात को ध्यान में रखकर माय हार्ट, योर हार्ट थीम पर विश्व हृदय दिवस मनाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि जहां एक और शोधकर्ता और चिकित्सक इस बीमारी के खिलाफ लड़ाई लड़ रहें हैं तो दूसरी ओर हमें भी उनकी इस लड़ाई में अपने और अपने लोगों के दिलों की देखभाल के जरिये जुड़कर हार्ट हीरो बनना होगा। उन्होंने दिल को जवां बनाये रखने के लिए संतुलित भोजन लेने, नमक का सेवन कम करने, नियमित व्यायाम करने, ताजे फल व सब्जियां खाने, स्मोकिंग और अल्कोहल से दूर रहने, सदा मुस्कुराते रहने और तनाव से बचने की सलाह दी। हार्ट डिसीज के लक्षणों के बारे में उन्होंने बताया कि तेजी से सांस लेना या बहुत कम सांस आना, सोने में दिक्कत महसूस होना, हाई ब्लड प्रेशर रहना और जल्दी थक जाना व शरीर में उर्जा की कमी महसूस होना आदि हृदय रोग की ओर इशारा करते हैं।

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