हाईकोर्ट द्वारा वर्ष 2016 में राज्य के प्रमोशन नियम खारिज कर दिए जाने के कारण अधिकारी-कर्मचारियों के प्रमोशन रुके हुए हैं। प्रमोशन के रास्ते खोलने के कारण सरकार स्तर पर प्रयास जारी हैं। नए-नए फार्मूला पर मंथन भी हो रहा है, इसमें एक फार्मूला यह भी रहा कि कर्मचारियों का प्रमोशन नहीं होने पर उनको उच्च पदनाम दे दिया जाए। स्वास्थ्य विभाग ने इसी आधार पर काम शुरू किया और वरिष्ठता के आधार पर उच्च पदनाम देने की तैयारी की। इस कड़ी में एएनएम, स्टाफ नर्स का ओहदा बढ़ेगा। इनमें 450 एनएनएम को स्टाफ नर्स और 500 स्टाफ नर्स को सिस्टर ट्यूटर, नर्सिंग सिस्टर पदनाम दिया जाएगा। इनमें 170 को सिस्टर ट्यूटर और 350 को नर्सिंग सिस्टर पदनाम मिलेगा। इससे विभाग में रिक्त पदों की पूर्ति हो जाएगी।
राज्य के सभी कर्मचारियों पर लागू होना है फार्मूला – सामान्य प्रशासन विभाग के मंत्री डॉ. गोविंद सिंह की अध्यक्षता वाली कैबिनेट कमेटी पहले ही कर्मचारियों को उच्चनाम दिए जाने का प्रस्ताव सरकार को दे चुकी है। इसके पीछे तर्क यह है कि वर्षों से एक ही पदों पर कार्य कर रहे कर्मचारियों का वेतन बढते-बढ़ते उच्च पदनाम तक पहुंच चुका है। वे वरिष्ठ पदों पर काम करेंगे तो उन्हें पदनाम मिल जाएगा। सरकार के खजाने पर अतिरिक्त बोझ भी नहीं आएगा। मुख्यमंत्री की ओर से हरीझंडी मिलने के बाद इसे राज्य के सभी विभागों में लागू कर दिया जाएगा।