गुरुवार को केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीति सुदान ने एम्स का दौरा किया। उन्होंने अस्पताल के निरीक्षण के साथ फाइनेंस कमेटी की बैठक भी ली। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सुदान ने एम्स की व्यवस्थाओं की तारीफ की। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि एम्स को ओपीडी शुल्क सहित अन्य सुविधाओं के शुल्क का वार्षिक रिव्यू करना चाहिए। इससे एम्स अस्पताल आत्मनिर्भर हो सकेगा।
बजट की कमी से अटके हैं प्रोजेक्ट
मालूम हो कि एम्स में बजट की कमी है। एम्स प्रबंधन कई बार इसे स्वीकार चुका है। बजट की कमी से एम्स के कुछ प्रोजेक्ट रुक गए थे। हाल ही में पीजी स्टूडेंट्स ने भी स्टायपंड न मिलने का मुद्दा उठाया था और हड़ताल की चेतावनी दी थी।
3 करोड़ के रिएजेंट
सूत्रों के मुताबिक एम्स पूरी तरह सरकार से मिलने वाले बजट पर आश्रित है। इधर, एम्स अस्पताल का खर्च भी अधिक है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि स्वाइन फ्लू और अन्य जांच के लिए उपयोग होने वाले माइक्रोबायलोजी रिएजेंट पर 3 करोड़ का खर्च आता है।
नर्सिंग कॉलेज का शुभारंभ
स्वास्थ्य सचिव प्रीति सुदान ने एम्स में नर्सिंग कॉलेज भवन और आइपीडी गलियारे में गांधी गैलरी का उद्घाटन किया। इस मौके सुदान ने एम्स परिसर और उसकी सुविधाओं की तारीफ की। उन्होंने कहा कि छह एम्स में से भोपाल एम्स सबसे बेहतर है। यहां भवन की डिजाइन बहुत बढिय़ा है।