पिछले साल 1 से 10 जून तक हुए किसान आंदोलन के दौरान भड़की हिंसा से मालवा एवं निमाड़ क्षेत्र के हालात बेकाबू हो गए थे। साथ ही मंदसौर में गोलीकांड के दौरान 6 किसानों की मौत हुई।
ये है रिपोर्ट में…
सामने आ रही जानकारी के अनुसार मप्र पुलिस की खुफिया बिंग के पास जो इनपुट आए हैं, उनसे सरकार की नींद उड़ गई है। इसके अनुसार इंटेलीजेंस की ओर से दो दिन पहले ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को मौखित तौर पर बताया गया कि किसान आंदोलन के दौरान कई ताकते सक्रिय रहकर, राज्य में सांप्रदायिक तनाव फैला सकती हैं। किसान आंदोलन के दौरान रमजान भी रहेगा। इसी का फायदा लेकर कुछ असामाजिक तत्व फिजा बिगाड़ सकते हैं।
रिपोर्ट में मालवा-निमाड़ एवं भोपाल संभाग के जिलों की स्थिति को लेकर चिंता जताई गई। इसके बाद मुख्यमंत्री ने आनन-फानन में पुलिस की सभी बिंग के अफसरों की बैठक बुलाई और निर्देश दिए कि हर स्थिति पर नजर रखी जाए।
खुफिया रिपोर्ट के बाद पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों को अलर्ट जारी कर दिया है। मुख्यमंत्री ने पुलिस मुख्यालय को निर्देश दिए हैं कि संवेदनशील जिले मंदसौर, नीमच, इंदौर, धार, उज्जैन, देवास, शुजालपुर, आगर-मालवा, रतलाम, खंडवा, खरगौन में आला अधिकारियों को भेजा जाए।
प्रदेश भर में अलर्ट जारी…
पुलिस मुख्यालय रमजान के चलते पहले से ही सभी जिलों को कानून-व्यवस्था की दृष्टि से अलर्ट जारी कर चुका है। पीएचक्यू ने सभी एसपी से कहा है कि स्थिति पर लगातार नजर रखी जाए। रमजान के दौरान खुफिया तंत्र के माध्यम से जन सामान्य के बीच भी पैठ बनाएं।
वहीं किसान संगठन चेतावनी दे चुके हैं कि इस बार 1 से 10 जून तक गांव से सब्जी, दूध एवं अन्य सामग्री शहर नहीं आएगी। न ही शहर की सामग्री बाहर आएगी। आंदोलन के लिए प्रदेश में कई किसान संगठन सक्रिय हैं।
वहीं किसान संगठन भारतीय मजदूर किसान यूनियन समेत अन्य संगठनों का दावा है कि प्रदेश भर में गांव से किसान शहर नहीं आएंगे। इस संबंध में सरकार को आंदोलन के संभव में सूचना भी दी जा चुकी है।
पुलिस की छुट्टिंया हुईं निरस्त…
पुलिस की खुफिया बिंग को किसान आंदोलन को लेकर मिले इनपुट के आधार पर पुलिस मुख्यालय ने आगामी आदेश तक सभी पुलिस कर्मियों की छुट्टियां निरस्त करने के आदेश जारी कर दिए हैं।