आवेदक को टैक्स की 20 प्रतिशत राशि बतौर शुल्क अदा करनी होगी। परिवहन विभाग को लंबे समय से शिकायतें मिल रही थी, जिसमें पुराने वाहनों के ट्रांसफर केस मंजूर करने की प्रक्रिया में नए वाहनों की कीमत को आधार मानकर शुल्क की गणना की जाती थी। इस प्रक्रिया के चलते वाहन मालिकों को पुराने खटारा हो चुके वाहनों के ट्रांसफर के बदले भी ज्यादा कीमत बतौर शुल्क देना होती थी।
परिवहन के नियमों के मुताबिक ट्रांसफर प्रकरण में वाहन की कीमत को आधार मानकर 20 प्रतिशत राशि बतौर शुल्क वसूली जाती है। नया नियम लागू होने के बाद प्रदेश के परिवहन कार्यालय के सॉफ्टवेयर अपडेट करने की प्रक्रिया शुरू की गई है।
18 लाख वाहन रजिस्टर्ड, अन्य जिलों और प्रदेश से प्रतिदिन आते हैं 100 से ज्यादा प्रकरण
दो पहिया-चार पहिया वाहनों की नई दरें
प्रदेश के बाकी जिले और अन्य राज्यों से माइग्रेट होकर भोपाल आने वाले नागरिक प्रतिमाह 4500 की संख्या में आरटीओ में वाहनों के ट्रांसफर कराने पहुंचते हैं। परिवहन विभाग का नियम बदलने के बाद अब इन वाहन चालकों को दो पहिया वाहनों के बदले 350 रुपए प्रोसेस चार्ज और लाइफ टाइम टैक्स की 20 प्रतिशत राशि बतौर टैक्स चुकाना होगी। इसी प्रकार चार पहिया एवं इससे अधिक क्षमता के वाहनों के प्रकरण में 500 रुपए प्रोसेस चार्ज और लाइफ टाइम टैक्स का 20 प्रतिशत राशि टैक्स के रुपए में अदा करनी होगी। नई व्यवस्था के बाद से सभी जिलों में लागू किया जा रहा है।
रजिस्ट्रेशन स्थानांतरण प्रकरण में शुल्क की गणना अब लाइफ टाइम टैक्स पर होगी। नए पुराने वाहनों की कीमत में अंतर होने पर आवेदक को अधिक राशि अदा नहीं करनी पड़ेगी।
संजय तिवारी, आरटीओ