जवाब: हिंदुस्तान विश्व का सबसे बड़ा बाजार है, जो हिंदी से जुड़े लोगों को नौकरी देगा। इसलिए अन्य देशों के युवा भी हिंदी सीख रहे हैं। विश्व में जितने पर्यटन स्थल विकसित हो रहे हैं, वहां हिंदी की पताका फहर रही है। मॉरिशस, इंडोनेशिया, ब्रिटेन, कनाडा, अमेरिका में हिंदी की स्वीकार्यता बढ़ी है।
जवाब: लोगों में बहुत भ्रांति है कि हिंदी दूसरे या तीसरे दर्जे की भाषा जबकि हिंदी विश्व में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। बोलचाल में हिंदी के बदलते स्वरूप को समझने की जरूरत है। 95 प्रतिशत से अधिक संवाद हिंदी में होते हैं। सोशल मीडिया पर अंग्रेजी के अक्षरों को देवनागरी में लिखा जाना इसका प्रमाण है।
जवाब: निश्चित रूप से हिंदी का भविष्य बहुत उज्ज्वल है। अतीत में हुए न जाने कितने आक्रांताओं के आक्रमणों से हिंदी नहीं डगमगाई। सोशल मीडिया पर ऐसे बहुत से वीडियो वायरल हुए, जिनमें विदेशी गायत्री मंत्र, गीता, रामायण पढ़ते दिखाई दे रहे हैं। यह हिंदी की विशालता है।
जवाब: मैंने पहले ही बताया है कि हिंदी एक नए स्वरूप में स्थापित हो रही है। अब तो मैनेजमेंट, मेडिकल, साइंस, व इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी हिंदी में कराई जाने लगी है। अटल बिहारी हिंदी विश्वविद्यालय तो इसी प्रयास को व्यापक करने के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है।
जवाब: हिंदी ग्रंथ अकादमी ने अंग्रेजी के स्थान पर हिंदी में विक्रम संवत कलेन्डर विगत तीन वर्ष से शुरू किया है। हिंदी की डायरी की डिमांड भी बढ़ रही है। हिंदी-अंग्रेजी में मुद्रित भारत के संविधान की अब तक लाखों प्रतियां बिक चुकी हैं।
जवाब : मानव संसाधन विकास मंत्रालय व भारतवाणी से मिलकर एक वृहद योजना को आकार दिया जा रहा है। इसके तहत 1200 ई-बुक्स ऑनलाइन हिंदी के पाठकों के लिए उपलब्ध रहेंगी। इससे हिंदी के पाठकों की संख्या में व्यापक वृद्धि होगी।