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भोपाल

जॉब के लिए विदेशी भी सीख रहे हिंदी

इंटरव्यू— प्रो. सुरेन्द्र बिहारी गोस्वामीप्राध्यापक, सरोजिनी नायडू गल्र्स पीजी कॉलेज (पूर्व संचालक, मप्र हिंदी ग्रंथ अकादमी)

भोपालJan 26, 2019 / 10:04 am

दिनेश भदौरिया

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जॉब के लिए विदेशी भी सीख रहे हिंदी

भोपाल. लोगों में यह बहुत बड़ी भ्रांति है कि हिंदी दूसरे या तीसरे दर्जे की भाषा है, जबकि मूलत: हिंदी विश्व में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। मॉरिशस, इंडोनेशिया समेत कुछ देशों में तो हिंदी का सबसे अधिक प्रयोग किया जाता है। ब्रिटेन, कनाडा, अमेरिका जैसे देशों में भी हिंदीभाषी लोग अच्छा व्यवसाय कर रहे हैं।
चीन में भी हिंदी तेजी से प्रभाव छोड़ रही है। विश्व में जितने भी पर्यटनस्थल हैं, वहां हिंदी का प्रभाव गहरा प्रभाव दिखाई दे रहा है। हमारे राजनेता विश्व मंच पर हिंदी में भाषण दे रहे हैं। यह हिंदी की ध्वज पताका ही फहर रही है। हिंदी व्याकरण व व्यंजन की दृष्ष्टि से सबसे पुष्ट भाषा है। यह भाव की भाषा है। भावनाओं को हिंदी में सर्वाधिक प्रभावी ढंग से व्यक्त किया जा सकता है।
सवाल: जॉब मार्केट में अंग्रेजी के जानकारों का हिस्सा अधिक है, हिंदी के जानकारों के लिए क्या संभावना है?
जवाब: हिंदुस्तान विश्व का सबसे बड़ा बाजार है, जो हिंदी से जुड़े लोगों को नौकरी देगा। इसलिए अन्य देशों के युवा भी हिंदी सीख रहे हैं। विश्व में जितने पर्यटन स्थल विकसित हो रहे हैं, वहां हिंदी की पताका फहर रही है। मॉरिशस, इंडोनेशिया, ब्रिटेन, कनाडा, अमेरिका में हिंदी की स्वीकार्यता बढ़ी है।
सवाल: शिक्षित वर्ग के बोलचाल में अंग्रेजी की तुलना में हिंदी भाषा का चलन घट रहा है?
जवाब: लोगों में बहुत भ्रांति है कि हिंदी दूसरे या तीसरे दर्जे की भाषा जबकि हिंदी विश्व में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। बोलचाल में हिंदी के बदलते स्वरूप को समझने की जरूरत है। 95 प्रतिशत से अधिक संवाद हिंदी में होते हैं। सोशल मीडिया पर अंग्रेजी के अक्षरों को देवनागरी में लिखा जाना इसका प्रमाण है।
सवाल: आप भविष्य में हिंदी के लिए क्या संभावनाएं मानते हैं?
जवाब: निश्चित रूप से हिंदी का भविष्य बहुत उज्ज्वल है। अतीत में हुए न जाने कितने आक्रांताओं के आक्रमणों से हिंदी नहीं डगमगाई। सोशल मीडिया पर ऐसे बहुत से वीडियो वायरल हुए, जिनमें विदेशी गायत्री मंत्र, गीता, रामायण पढ़ते दिखाई दे रहे हैं। यह हिंदी की विशालता है।
सवाल: डॉक्टर, इंजीनियर आदि के प्रोफेशनल कोर्स तो अंगेजी मीडियम में ही पढ़ाए जातेे हैं?
जवाब: मैंने पहले ही बताया है कि हिंदी एक नए स्वरूप में स्थापित हो रही है। अब तो मैनेजमेंट, मेडिकल, साइंस, व इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी हिंदी में कराई जाने लगी है। अटल बिहारी हिंदी विश्वविद्यालय तो इसी प्रयास को व्यापक करने के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है।
सवाल: हिंदी के प्रचार-प्रसार को बढ़ाने के लिए अकादमी में कोई नवाचार किया गया है?
जवाब: हिंदी ग्रंथ अकादमी ने अंग्रेजी के स्थान पर हिंदी में विक्रम संवत कलेन्डर विगत तीन वर्ष से शुरू किया है। हिंदी की डायरी की डिमांड भी बढ़ रही है। हिंदी-अंग्रेजी में मुद्रित भारत के संविधान की अब तक लाखों प्रतियां बिक चुकी हैं।
सवाल: आने वाले समय में देश में हिंदी को विस्तार देने के लिए कौन सी प्रमुख योजना पर काम हो रहा है?
जवाब : मानव संसाधन विकास मंत्रालय व भारतवाणी से मिलकर एक वृहद योजना को आकार दिया जा रहा है। इसके तहत 1200 ई-बुक्स ऑनलाइन हिंदी के पाठकों के लिए उपलब्ध रहेंगी। इससे हिंदी के पाठकों की संख्या में व्यापक वृद्धि होगी।

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