राजधानी के राधाकृष्ण मंदिरों में इन दिनों होली और फाग उत्सव की धूम है। शाम से रात्रि तक मंदिरों में श्रद्धालु भगवान के साथ प्राकृतिक रंग, गुलाल से होली खेल रहे हैं। भगवान का आकर्षक शृंगार किया जा रहा है और विशेष आयोजन हो रहे हैं।
इस बार होलिका दहन के दिन भद्रा का वास रहेगा, इसलिए भद्रा समाप्ति के बाद होलिका दहन करना शुभ फलदायी रहेगा। पंडितों के अनुसार भद्रा सुबह 9 बजकर 23 मिनट से 8:15 मिनट तक रहेगी, वहीं कुछ पंचांगों में रात्रि पौने नौ बजे तक भद्रा होना बताया है। इस स्थिति में 9 बजे के बाद ही होलिका दहन किया जाना श्रेष्ठ रहेगा, हालाकि कुछ पंडितों का यह भी कहना है कि भद्रा का वास पाताल में रहेगा, इसलिए इसका असर नहीं रहेगा, लेकिन अधिकांश पंडितों का मानना है कि भद्रा समाप्त होने के बाद ही होलिका दहन करना चाहिए।
चौबदारपुरा तलैया स्थित बांके बिहारी मंदिर में भी इन दिनों होली उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इसके तहत सोमवार को बांके बिहारीलाल और प्रिया रानी के साथ भक्तों ने होली खेली। इस मौके पर भगवान का होली के स्वरूप में शृंगार किया गया। इस मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।
लखेरापुरा स्थित श्रीजी मंदिर में फूल डोल और फूल होली का आयोजन सोमवार को हुआ। श्रीनाथजी को टेसू के फूल- गुलाब से सजाया। कान्हा धरो रे मुकुट खेले होली के साथ गोपियों के वेष में प्रभु के साथ होली खेली। 100 किलो फूलों की वर्षा की गई और गुलाब जल से छिड़काव किया।