लेकिन महिला नियमों का हवाला देते हुए मार्कशीट की जगह आईटीआर के आधार पर ही पासपोर्ट की मांग कर रही थी। अधिकारियों ने इस फाइल को क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय के पॉलिसी सेक्शन में भेजा लेकिन महिला यहां भी मानने को तैयार नहीं हुई। इसके बाद पासपोर्ट अधिकारियों ने आवेदक को चेतावनी देते हुए मार्कशीट दिखाने या फाइल बंद कराने का विकल्प दिया है।
इस मामले में रीजनल पासपोर्ट ऑफिसर रश्मि बघेल ने बताया कि अगर आवेदक ईसीएनआर पासपोर्ट चाहता है तो उसे हाईस्कूल या इससे अधिक की गई पढ़ाई का दस्तावेज बतौर एजुकेशनल प्रूफ दिखाना होता है। इससे कम पढ़े-लिखे आवेदकों को ईसीआर (इमिग्रेशन चेक रिक्वायर्ड) कैटेगरी में पासपोर्ट जारी होता है। बता दें, ईसीआर पासपोर्ट धारकों से विदेश जाते समय इमिग्रेशन काउंटर पर आम आवेदक से अधिक पूछताछ होती है।
पढ़े-लिखे नहीं हैं तो ऐसे मिल सकता है ईसीएनआर पासपोर्ट
पासपोर्ट ऑफिसर ने बताया कि अगर आवदेक 10वीं से कम पढ़ा-लिखा है या अनपढ़ है तो उसे भी ईसीएनआर कैटेगरी में पासपोर्ट जारी व री-इश्यू किया जा सकता है, बशर्ते आवेदक तीन साल से इनकम टैक्स रिटर्न भर रहा हो या वो तीन साल तक विदेश में रहा हो। ऐसी स्थिति में उसे बिना मार्कशीट ईसीएनआर कैटेगरी में पासपोर्ट देने का नियम है। पासपोर्ट ऑफिस में आई महिला इस नियम के आधार पर पासपोर्ट चाहती थी चूंकि महिला पोस्ट ग्रेजुएट थी लिहाजा यह नियम उस पर लागू नहीं होता है। पासपोर्ट विभाग के अधिकारी ने बताया कि आवेदक की मार्कशीट में जन्मतिथि या नाम की स्पेलिंग गलत होगी इसलिए वो विभाग के समक्ष इसे पेश नहीं करना चाह रही है।