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सरकारी रिकार्ड पर नजर डाली जाए तो 11 हजार 211 प्रवासी श्रमिक मप्र आए हैं। इन्होंने छोटे शहरों में डेरा डाला है। सरकार पंजीयन कर रही है। दावा किया जा रहा है कि उन्हें हुनर के हिसाब से रोजगार दिया जाएगा। उनसे अलग से पंजीयन फॉर्म भरवाया जा रहा है। ऑनलाइन पंजीयन की व्यवस्था भी है। इसके लिए सरकार ने पोर्टल तैयार किया है। कंपनियों को जैसे श्रमिक की जरूरत है, वे जानकारी लेकर संपर्क कर सकती हैं। श्रमिक भी कंपनियों का विकल्प चुन सकते हैं।
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यह जानकारी मांगी
प्रदेश में लौटने के पहले आय का स्रोत क्या था। मासिक आय कितनी थी। किस फर्म या कंपनी, ठेकेदार के यहां काम करते थे। किस प्रकार का काम था। कुल कितने वर्षों का कार्य अनुभव है। वर्तमान में रोजगार है या नहीं है। यदि रोजगार चाहते हैं तो वर्तमान स्थिति में कितनी आय की अपेक्षा है। कितने समय मध्यप्रदेश में रहने वाले हैं। किस सेक्टर में काम करना चाहते हैं। क्या आपने पूर्व में कौशल विकास संबंधित कोई प्रशिक्षण प्राप्त किया है। आप स्वरोजगार से जुडऩा चाहते हैं या ऋण लेने के इच्छुक हैं।
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कटनी में सबसे ज्यादा लौटे प्रवासी
कटनी जिले में सबसे ज्यादा 1379 प्रवासी श्रमिक लौटे हैं। 1284 श्रमिकों के साथ बालाघाट दूसरे नंबर पर है। सीहोर जिले में मात्र एक का पंजीयन हुआ है। रायसेन, हरदा, इंदौर में एक भी पंजीयन नहीं है। अन्य राज्यों में रोजगार पर गए श्रमिकों की बात करें तो भिण्ड आगे है। इनकी संख्या 1659 है। इनमें 1529 पुरुष हैं।