: दिग्विजय सिंह, कांग्रेस प्रत्याशी…
शिक्षा- बीई
ताकत
दस साल तक मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे।
शिक्षण संस्थानों, बिल्डर संगठन सहित स्थानीय लोगों के बीच सोसाइटी स्तर तक पकड़, चुनाव प्रचार प्रबंधन के तरीके।
मुद्दों की समझ और विकास का एजेंडा बनाकर वोट की अपील।
पुरानी बयानबाजियां उनके लिए मुश्किल बन सकती हैं, जिन्हें विवादित माना गया था।
कर्मचारियों के खिलाफ दिए गए बयान।
बिजली कटौती और खराब सड़कों के लिए जिम्मेदार सीएम की इमेज। : प्रज्ञा सिंह ठाकुर, भाजपा प्रत्याशी
शिक्षा- पोस्ट ग्रेजुएट
ताकत
हिंदूवादी चेहरा होने के कारण अलग पहचान।
मालेगांव विस्फोट मामले में प्रताडऩा को लेकर इमोशनल कार्ड।
भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की बड़ी टीम साथ। कमजोरी
राजनीतिक अनुभव की कमी।
विकास के मामले में अब तक कोई ठोस एजेंडा सामने नहीं आया।
बयान जो राजनीतिक विवाद पैदा कर रहे हैं।
कुल मतदाता- 2123698
पुरुष – 1111631
महिला – 1011893
मतदान केंद्र – 2256 2014 की स्थिति
कुल मतदाता- 1957 231
कुल पड़े वोट-1130281
प्रतिशत- 56.83
आलोक संजर, भाजपा- 714178 – 63.88
पीसी शर्मा, कांग्रेस- 343782 – 30.53 राजनीतिक समीकरण
भाजपा ने सांसद आलोक संजर का टिकट काटकर प्रज्ञा को मैदान में उतारा है। 2018 के विधानसभा चुनाव में भोपाल लोकसभा सीट की आठ में से पांच सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की। तीन सीटें कांग्रेस के पाले में आई थीं। कांग्रेस ने दो मंत्री बनाकर भाजपा को घेरने की कोशिश की है। इनके अलावा कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह के पुत्र नगरीय विकास मंत्री जयवर्धन सिंह समेत कई अन्य मंत्री व विधायक प्रचार अभियान को गति दे रहे हैं। भाजपा ने अपने पूरे कॉडर को चुनाव में लगा दिया है। संघ उत्प्रेरक भूमिका में है।
मैं जनता के बीच जाकर केवल विकास के मुद्दे पर वोट मांग रहा हूं। कौन क्या कह रहा है इसका जवाब जनता 12 तारीख को देगी। भोपाल के माहौल को खराब करने के लिए कई हथकंडे अपनाए जा रहे हैं, इसलिए मैं और मेरे कार्यकर्ता इस साजिश का शिकार नहीं बनेंगे। जीत उसी की होगी जो जनता के मुद्दों पर खरा उतरेगा।
– दिग्विजय सिंह
– प्रज्ञा सिंह ठाकुर