स्मार्ट बनाने के लिए टीटी नगर मॉडल स्कूल व जवाहर चौक पानी टंकी के पास से वर्षों पुराने 150-200 पेड़ काटे गए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि ये पेड़ 45-50 वर्ष पुराने हैं। इनमें आम, जामुन आदि फलदार वृक्ष और बरगद, शीशम, पीपल, नीम आदि अन्य छायादार वृक्ष शामिल हैं। आधिकारिक तौर पर यह बताया गया कि 400 पेड़ों को काटने की अनुमति सीपीए की फॉरेस्ट विंग से पैसा जमाकर ले ली गई है। यहां से लगभग 1600 पेड़ कटेंगे।
टीटी नगर क्षेत्र से 400 पेड़ काटे जाने हैं। सीपीए के फॉरेस्ट विभाग से पहले पैसे जमाकर विधिवत अनुमति ली जा चुकी है। पेड़ों को शिफ्ट करने की कोई बात नहीं कही गई है। आवश्यकता पड़ी तो शिफ्ट किए भी जा सकते हैं।
-नितिन दवे, पीआरओ, स्मार्ट सिटी
कई पेड़ काटकर ट्रकों लकड़ी हटा दी गई है। मैं पेड़ों को बचाते या शिफ्ट करते हुए स्मार्ट सिटी डवलप करने के लिए अधिकारियों से बात करने जा रहा हूं। मेरा पूरा प्रयास रहेगा कि अधिक से अधिक पेड़ बचा लिए जाएं।
-जगदीश यादव, पार्षद वार्ड 32
स्मार्ट सिटी योजना में यदि पेड़ों को शिफ्ट करने की बात नहीं है तो इस क्षेत्र से सभी पेड़ों को काटकर ही स्मार्ट सिटी डवलप की जाएगी। पेड़ कटने से आबो-हवा तो बिगड़ेगी ही, ऑक्सीजन-कार्बन डाईऑक्साइड बैलेंस भी बिगड़ेगा। हजारों पशु-पक्षियों के जीवन पर संकट आ जाएगा, जो प्राकृतिक संतुलन में महत्वपूर्ण रोल निभाते हैं।
-डॉ. सुभाष सी पांडेय, पर्यावरणविद्