scriptIAS एसोसिएशन नहीं मानती सरकार के नियम-कायदे, ढाई साल पहले भी मिला नोटिस | IAS Association does not accept the rules of government | Patrika News
भोपाल

IAS एसोसिएशन नहीं मानती सरकार के नियम-कायदे, ढाई साल पहले भी मिला नोटिस

– ढाई साल पहले भी मिला था 25.56 लाख का नोटिस
 

भोपालNov 12, 2019 / 08:58 am

दीपेश अवस्थी

ias.png

भोपाल। ब्यूरोक्रेट्स की संस्था आइएएस एसोसिएशन, राज्य सरकार के बड़ी डिफाल्टरों में शामिल है। एसोसिएशन को चार इमली क्षेत्र में आवंटित दो सरकारी बंगलों का किराया जमा न करने पर लोक निर्माण विभाग ने ढाई साल पहले अप्रेल 2017 को 25.56 लाख की रिकवरी निकालते हुए नोटिस जारी किया था, लेकिन एसोसिएशन ने यह किराया जमा नहीं किया। अब यह किराया बढ़कर 34.56 लाख हो गया है। अब सरकार ने फिर से वसूली का नोटिस जारी किया है।

राज्य सरकार ने वर्ष 1999 में एसोसिएशन को चार इमली में ईएन 1/3 और ईएन 1/4 बंगले आवंटित किए गए थे। चूंकि दोनों बंगले अगल-बगल थे, इसलिए एसोसिएशन ने इन दोनों परिसरों को एक कर लिया। अब यहीं से एसोसिएशन की गतिविधियां संचालित होती है। बताया जाता है एसोसिएशन ने शुरूआत में तो कुछ समय तक किराया जमा किया लेकिन इनके बाद किराया जमा कराना बंद कर दिया। हालांकि समय-समय पर एसोसिएशन को आगाह किया जाता रहा लेकिन एसोसिएशन ने कभी गंभीरता से नहीं लिया और किराया बढ़ते-बढ़ते 34.56 लाख रुपए हो गया।

यहां भी रही सरकार की मेहरबानी –

नियमों के तहत यदि किसी सरकारी अधिकारी और कर्मचारी को सरकार सरकारी आवास आवंटित करती है तो उसे रिटायमेंट होने तक इस मकान में रहने की पात्रता होती है। यदि किसी अशासकीय व्यक्ति या संस्था को आवास आवंटित होता है तो उसके लिए समय अवधि का उल्लेख होता है, लेकिन आईएएस एसोसिएशन को आवंटित किए गए दोनो बंगलों को लेकर समय अवधि का उल्लेख नहीं है। यानी ऐसोसिएशन यहां आजीवन कब्जा बनाए रख सकती है। इसके बाद भी एसोसिएशन द्वारा किराया न चुकाना और सरकार द्वारा कोई कार्यवाही न किए जाने पूरी कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है।

यह है नियम –

राज्य सरकार ने सरकारी आवास के हिसाब से किराया तय कर रखा है। संबंधित अधिकारी-कर्मचारी या फिर संस्था या अशासकीय व्यक्ति को निर्धारित दर पर प्रतिमाह किराया जमा करना होता है। सरकारी अधिकारी-कर्मचारी से किराया जमा कराने की जिम्मेदारी उनके विभाग की होती है, इसलिए उनके वेतन से किराए की राशि विभाग काट लेता है, लेकिन यदि संस्था या फिर अशासकीय व्यक्ति किराया जमा नहीं करता तो उसके सामान की जब्ती इत्यदि कर किराया वसूली किए जाने का प्रावधान है। यह प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से होती है, लेकिन एसोसिएशन के मामले में ऐसा कुछ नहीं हुआ।

किसने क्या कहा –

संपदा संचालनालय की जिम्मेदारी आवास आवंटन तक सीमित है। मकानों का मेंटिनेंस और किराया इत्यादि लेने की जिम्मेदारी पीडल्यूडी की है। इसलिए पीडब्ल्यूडी ही इस मामले में बेहतर बता सकता है।
– आरआर भोसले, संचालक संपदा संचालनालय

आईएएस एसोसिएशन ने लम्बे समय से किराया जमा नहीं किया है, अब यह किराया बढ़ते-बढ़ते 34.56 लाख रुपए हो गया है। इसलिए विभाग ने एसोसिएशन को किराया जमा करने के लिए नोटिस जारी किया है।
– प्रीति पटेल, ईई पीडब्ल्यूडी नया संभाग भोपाल।

हाल ही में नोटिस मेरी जानकारी में आया है। हम बकाया राशि की पूरी जानकारी ले रहे हैं। जल्द ही इस मामले का निराकरण किया जाएगा।
— गौरी सिंह, अध्यक्ष आइएएस ऐसोसिएशन, मप्र

Home / Bhopal / IAS एसोसिएशन नहीं मानती सरकार के नियम-कायदे, ढाई साल पहले भी मिला नोटिस

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो