2021में होने जा रही जनगणना अब संघ का सबसे महत्वपूर्ण एजेंडा है। संघ की हाल ही में भोपाल में हुई बैठक में नागरिकता संशोधन कानून के साथ ही 2021 की जनगणना को अपने एजेंडे में रखा थ। यहां बताया गया था कि ऐसी जानकारी मिल रही है कि आदिवासियों के बीच कुछ ऐसे संगठन काम कर रहे हैं जो जनगणना के समय आदिवासियों से हिंदू की जगह अन्य जाति या धर्म लिखवाना चाहते हैं। 1991 की जनगणना में हिंदुओं की संख्या 84 प्रतिशत थी जो 2011 में घटकर 69 प्रतिशत हो गई। आदिवासियों खासतौर पर भील,गौंड समुदाय के अपने नाम के साथ हिंदू की जगह अन्य जाति या धर्म लिखवाने के कारण जनसंख्या में हिंदुओं के प्रतिशत में कमी आयी है। यही वजह है कि अब संघ अपना फोकस जनगणना और आदिवासियों पर रखेगा। संघ का फोकस अब सामाजिक कल्याण के साथ ही दलितों को सर्वण वर्ग से जोड़ने के अभियान पर है। यानि दलितों को मंदिर-कुंओं और श्मशान के अभियान से जोडा जाएगा।