ऐसे हुई रघुकुल की शुरूआत
पौराणिक कथाओं के अनुसार कामधेनु गाय की पुत्री नंदिनी महर्षि वशिष्ठ के आश्रम में रहा करती थी। राजा दिलीप के कई संतान नहीं थी, तो महर्षि वशिष्ठ ने नंदिनी की सेवा करने का सुझाव दिया। ऋषि के सुझाव पर माता अनुसूया अपने पति महारज दिलीप सहित नंदिनी की तन-मन से सेवा करने लगीं। परिणामस्वरूप उन्हें एक महाप्रतापी तेजस्वी पुत्र रघु प्राप्त हुआ, इससे रघुकुल वंश चला। अगर आपके घर की किसी दिशा में वास्तु दोष है, ते उस दिशा में कामधेनु और उसके बछढे की मूर्ति अवश्य स्थापित करनी चाहिए।
ये मिलेगा लाभ
कामधेनु गाय के बछड़ा सहित फोटो साउथ वेस्ट (नैऋत्य) में लगाने से घर के कार्य में स्थिरता आती है। दक्षिण में लगाने से गृह स्वामी के प्रभाव में वृद्धि होती है। आग्नेय कोण में गौ माता का फोटो लगाने से महिला सदस्य घर में प्रसन्न रहती हैं। पूर्व दिशा में यदि कामधेनु गाय का फोटो लगा होगा, तो वहां से दरिद्रता समाप्त हो जाएगी। ईशान दिशा में कामधेनु गाय का चित्र लगाने से संतान से प्रसन्नता मिलती है। ईश्वर के प्रति ध्यान लगता है और घर में लक्ष्मी विराजमान रहती हैं। उत्तर में गौमाता की प्रतिमा को लगाने से धनाधीश कुबेर की असीम कृपा रहती है। वायव्य कोण में कामधेनु गाय की प्रतिमा लगाने से घर में अनुकूल वातावरण बनता है।
आय के स्रोत निरंतर बढ़ते हैं। पश्चिम में गाय की प्रतिमा लगाने से हर कार्य में स्थिरता आती है। यदि आपके घर में संतान का अभाव है अथवा संतान आपका सम्मान नहीं करती तो कामधेनु गाय का चित्र घर के उत्तर-पूर्व के कोने में लगाएं और नियमित प्रार्थना करें। यदि घर के सदस्य गृह स्वामी की बात नहीं सुनते हैं तो गौ माता का फोटो दक्षिण पश्चिम दिशा में लगा दें। यदि घर में धन-धान्य की कमी आ रही है और बरकत नहीं हो रही है तो उत्तर दिशा में कामधेनु गाय का चित्र लगा दें। स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता और जल्दी-जल्दी बीमार पडते हैं गौ माता का फोटो दक्षिण दिशा में लगाएं।