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बिना इंजन वाली देश की पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन की सौगात, इसी साल MP को मिलेगी!

टी-18 ट्रेन यानि नई ट्रेन से जुड़ी हर वह चीज हम लाए हैं आपके लिए जो आप जानना चाहते हैं…

भोपालAug 24, 2018 / 08:35 pm

दीपेश तिवारी

T-18 Train

बिना इंजन वाली देश की पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन की सौगात, इसी साल MP को मिलेगी!

भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से देश की राजधानी दिल्ली आने जाने वाले यात्रियों के लिए खुशखबरी है। दरअसल सामने आ रही सूचनाओं के अनुसार इस ट्रेन रूट को एक खास सौगात मिलने वाली है।

जिसके चलते एक ओर जहां आने जाने के समय में बचत होगी, वहीं सुविधाओं में भी इजाफा होगा। बिना इंजन वाली देश की पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन-18 की स्पीड 160 से 200 किमी प्रतिघंटा के बीच है।

सूत्रों के मुताबिक चुनावी दौर में विधानसभा चुनाव से पहले में भोपाल की जनता के लिए एक खास गिफ्ट केंद्र की ओर से मिलने की आशा है। इसके तहत देश की पहली बिना इंजन वाली सेमी हाईस्पीड ट्रेन सेट-18 (टी-18) दिल्ली-भोपाल के बीच चलेगी और वह भी विधानसभा चुनाव से पहले…। यह बात भी समाने आ रही है कि ये टी-18 ट्रेन भोपाल शताब्दी के स्थान पर दिल्ली-भोपाल के बीच चलाई जाएगी।

ये रहेगी स्पीड…
बताया जाता है कि नया रैक (ट्रेन) होने के कारण शुरुआत में दिल्ली-आगरा के बीच इसकी रफ्तार 150 किलोमीटर प्रतिघंटा रहेगी। आगरा से भोपाल तक ट्रेन सेट की रफ्तार शताब्दी की तर्ज पर 130 किलोमीटर प्रतिघंटा रहेगी। हालांकि इस रेल मार्ग को सेमी हाई स्पीड कॉरिडोर के रूप में विकसित किया जा रहा है।

ये होगा खास…
– सामने आ रही जानकारी के अनुसार इस ट्रेन की स्पीड 160 किलोमीटर या इससे अधिक होगी।
– कहा जा रहा है कि यह ट्रेन 2 अक्टूबर यानि गांधी जयंती के अवसर पर ट्रेक पर दौड़ती नजर आएगी।
वहीं यह बात भी सामने आ रही है कि भाजपा का एक धड़ा चाहता है कि यह 25 दिसम्बर अटल जयंती के अवसर पर चलाई जाए।
– इस ट्रेन के लिए चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में ट्रेन 18 के नाम से ट्रेनसेट के कोच तैयार किए जा रहे हैं।
– मेट्रो ट्रेनों की तरह इस ट्रेनों को खींचने के लिए अलग से इंजन लगाने की आवश्यकता नहीं होगी। क्योंकि इनके हर डिब्बे में ईएमयू जैसी एक साथ ऑन-आफ होने वाली मोटरें लगी होंगी।

– वहीं हल्का रखने के लिए इन सेल्फ प्रोपेल्ड ट्रेनों की बॉडी को एलएचबी फ्रेम पर स्टेनलेस स्टील से तैयार किया गया है।
– वहीं तुरंत रफ्तार पकड़ने और तत्काल रुकने की खूबी के कारण इस ट्रेनों को स्टेशन पर स्टॉपेज लेने के लिए अतिरिक्त समय बर्बाद नहीं करना पड़ता है। इन्हीं सब खासियतों के चलते यह ट्रेन सामान्य ट्रेनों की अपेक्षा अपने गंतव्य पर जल्दी पहुंच जाएगी।
– ट्रेन का प्रारूप वातानुकूलित चेयरकार वाला है। इसलिए इन्हें शताब्दी और तेजस के रूटों पर चलाया जाएगा।
– वहीं इसकी डिजाइन, आंतरिक साज-सज्जा और सुविधाएं ‘तेजस’ ट्रेनों को भी मात देने वाली हैं।

हाईस्पीड वाईफाई
हाई स्पीड वाईफाई से मोबाइल, लैपटॉप, आईपॉड में रेलवे एप डाउनलोड कर सकेंगे। एप में देशी-विदेशी फिल्में, गाने, धारावाहिक व मनोरंजन के अलावा रेलवे जानकारी, टिकट बुकिंग, टैक्सी बुकिंग, होटल बुकिंग आदि की सुविधा होगी। प्रत्येक कोच में अपना खुद का इंजन होगा और पृथक ब्रेकिंग सिस्टम होगा। इससे शताब्दी की अपेक्षा ट्रेन सेट को तेजी से रोका और चलाया जा सकेगा।

घुमावदार होंगी सीटें
ट्रेन सेट 18 शताब्दी एक्सप्रेस की तरह चेयरकार होगी। इसकी सीटें घुमावदार होंगी इससे जिस दिशा में ट्रेन चलेगी उसी दिशा में सीटें सेट की जा सकेंगी। कोच के भीतर प्लेन की तर्ज पर लंबी एलईडी लाइट ट्यूब लगी होंगी।

ट्रेन सेट के कोच स्टेनलेस स्टील व यूरोपियन मानक के बनाए जा रहे हैं। ट्रेन के आंतरिक व बाहरी डिजाइन यूरोपियन कंसल्टेंट ने तैयार किया है। हर कोच में दिव्यागों के लिए एक व्हीलचेयर रखी जाएगी। दो कोच के बीच गैप नहीं होने से व्हीलचेयर को चलाने में दिक्क्त नहीं होगी।

सेमी हाईस्पीड ट्रेन का ऐलान…
जानकारी के अनुसार सरकार ने सबसे पहले 2014 के रेल बजट में देश के नौ रूटों पर सेमी हाईस्पीड ट्रेनें चलाने का ऐलान किया था। इनमें दिल्ली-आगरा, दिल्ली-चंडीगढ़, दिल्ली-कानपुर, नागपुर-बिलासपुर, मुंबई-अहमदाबाद,मैसूर-बंगलूर-चेन्नई, मुंबई-गोवा, चेन्नई-हैदराबाद तथा नागपुर-सिकंदराबाद रूट शामिल थे। इसके बाद विशाखापत्तनम-भुवनेश्वर और नागपुर-बिलासपुर रूटों को भी इस स्कीम में जोड़ा गया।

जबकि 2017 के आम बजट में सरकार ने दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-कोलकाता के दो लंबे व व्यस्त रूटों पर भी सेमी हाईस्पीड ट्रेन चलाने का ऐलान किया।

ऐसे शुरू हुई सेमी हाईस्पीड ट्रेन…
इसके बाद रेलवे ने घोषणाओं पर अमल करते हुए अप्रैल, 2016 में दिल्ली-आगरा के बीच 160 किलोमीटर रफ्तार से गतिमान एक्सप्रेस (जिसका बाद में ग्वालियर और फिर झांसी तक विस्तार किया गया) के रूप में पहली सेमी हाईस्पीड ट्रेन चलाई।

वहीं इसके बाद ‘तेजस’ एक्सप्रेस मुंबई-गोवा के बीच चलाई गई। लेकिन तेजस की स्पीड राजधानी से अधिक नहीं है। ऐसे में एकदम नया और अप्रत्याशित करने वाला निर्णय दिल्ली-भोपाल के बीच सेमी हाईस्पीड ट्रेन चलाने के रूप में लिया है। इन्हीं सब वजहों के चलते कि इसे मध्य प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है।

सितंबर 2018 से ट्रायल…
पूर्व में भी इस ट्रेन को इसी वर्ष यानि 2018 में ही चलाया जाना था। इसके तहत जून तक इसकी दो रेक तैयार होनी थीं, लेकिन किन्हीं कारणों के चलते इसमें विलंब हो गया और ये अगस्त में जाकर पूरी तरह तैयार हो सकी हैं। रेलवे बोर्ड से सामने आ रही जानकारी के अनुसार अब इसका ट्रायल सितंबर से दिल्ली-भोपाल रूट पर किया जाएगा।

कहा जा रहा है कि कुछ महीनों के ट्रायल के बाद इसको औपचारिक रूप से चलाया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि इसको औपचारिक रूप चलाए जाने की तारीख महात्मा गांधी की जयंती यानि 2 अक्टूबर, या पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती 25 दिसंबर हो सकती है।

पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी का नाम इसलिए भी आ रहा है कि ग्वालियर से उनका गहरा नाता था, और इसी माह 16 अगस्त को ही उनका निधन हुआ है। वहीं कुछ सूत्र इस ओर भी इशारा कर रहे है कि यह 1 जनवरी से रेगुलर होगी। वहीं सामने आ रही जानकारी के अनुसार नाम के अनुसार यानि टी-18 के आधार पर इसे 2018 से ही शुरू किया जाना है।

वहीं रेलवे से मिल रही सूचनाओं के अनुसार इस ट्रेन के लिए दिल्ली-भोपाल रूट का चयन करने के पीछे मजबूरी ये है कि फिलहाल केवल यही रूट 160 किलोमीटर की रफ्तार के उपयुक्त है। बाकी कोई रूट इस स्पीड के लिए तैयार नहीं है। यहां तक की दिल्ली-चंडीगढ़ रूट भी नहीं, जिसे 200 किमी रफ्तार के योग्य बनाने के लिए काम चल रहा है।

ये होगा किराया…
बताया जाता है कि विश्व स्तरीय सुविधाओं से लैस इस ट्रेन में सफर के लिए रेल यात्रियों को अधिक किराया देना होगा। रेल मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि टी-18 का किराया शताब्दी एक्सप्रेस से 45 फीसदी अधिक हो सकता है। हालांकि देश की पहली सेमी हाई स्पीड होने के नाते शुरुआत के छह माह किराया बेस फेयर से 1.20 से 1.30 गुना अधिक किराया रखा जाएगा। जिसके बाद इसका किराया बढ़ाया जा सकता है। वहीं रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि अभी इसका किराया तय नहीं किया गया है।

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