27 प्रकरणों के सेम्पल में 26 की रिपोर्ट निगेटिव ; एक की आना बाकी प्रदेश में नोवल कोरोना वायरस (सीओवीआईडी-19) के संभावित 27 प्रकरणों के सेम्पल की जांच में 26 की रिपोर्ट निगेटिव आई है। एक प्रकरण की रिपोर्ट आना बाकी है। सेम्पल जाँच के लिये एनआईबी पुणे, इंदिरा गांधी शासकीय कॉलेज नागपुर और एम्स भोपाल भेजे गये थे।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार 14 मार्च को नोवल कोरोना वायरस से संबंधित चीन में 11 और अन्य देशों में 7488 नये प्रकरण दर्ज किये गये हैं। भारत में अभी तक 83 प्रकरण इस बीमारी के दर्ज हुए हैं। इनमें से दो की मृत्यु हुई है।
प्रदेश में आज तक वायरस से प्रभावित देशों से आने वाले 774 यात्रियों की पहचान की जा चुकी है। इनमें से 361 यात्री अपने घरों में आइसोलेशन में रखे गये हैं और 358 यात्रियों का सर्विलेंस पूरा हो चुका है। प्रदेश में अभी तक कोरोना वायरस का कोई भी पॉजिटिव प्रकरण नहीं है।
आज तक 9490 यात्रियों की इंदौर, भोपाल, ग्वालियर एवं जबलपुर एयरपोर्ट में स्क्रीनिंग की जा चुकी है। राज्य सर्विलेंस इकाई नये दिशा-निर्देश एवं परामर्शों के लिये सेन्टर सर्विलेंस इकाई नई दिल्ली के सम्पर्क में है। नोवल कोरोना वायरस बीमारी की जानकारी और मार्गदर्शन के लिये बनाये गये कॉल सेन्टर 104 में अब तक 965 कॉल प्राप्त हो चुके हैं। मध्यप्रदेश में कोरोना वायरस के सेम्पल जाँच की सुविधा एम्स भोपाल और राष्ट्रीय जनजातीय स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान जबलपुर में उपलब्ध है।
नागरिकों से आग्रह किया गया है कि बार-बार अपना हाथ साबुन से धोएं। खाँसी एवं छींकते समय अपनी नाक और मुँह को टिशु पेपर/रूमाल या कोहनी से ढंकें। हाथ मिलाकर अभिवादन करने के स्थान पर नमस्ते, आदाब करें। अल्कोहल बेस्ड हेण्ड सेनेटाइजर का उपयोग करें।
आंगनबाड़ी एवं मिनी आंगनवाड़ी केंद्र 31 मार्च तक बंद
नोबल कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के मद्देनजर प्रदेश के सभी आंगनवाड़ी केंद्र और मिनी आंगनवाड़ी केंद्रों को 31 मार्च तक तत्काल प्रभाव से बंद रखने का निर्णय लिया गया है। साथ ही, आंगन कार्यक्रम, डे-केयर सेंटर का क्रियान्वयन भी स्थगित कर दिया गया है।
आयुक्त महिला-बाल विकास नरेश पाल कुमार ने सभी जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर इस संबंध में निर्देश जारी किये हैं। जिलों को निर्देशित किया गया है कि वर्तमान में शालाओं का संचालन स्थगित होने के कारण सांझा चूल्हा कार्यक्रम में आंगनबाड़ी केंद्रों में नाश्ता और भोजन प्रदाय प्रभावित होने से आंगनवाड़ी केंद्र में दर्ज 3 से 6 वर्ष के बच्चों को भी अन्य हितग्राहियों के साथ टेक होम राशन प्रदाय किया जाना सुनिश्चित किया जाए।