दरअसल, केंद्र सरकार की तरफ से इस योजना का नाम डॉ अंबेडकर स्कीम फॉर सोशल इंटीग्रेशन थ्रू इंटरकास्ट मैरिज के तहत दी जाती है। वहीं, मध्यप्रदेश सरकार के द्वारा चलाई जा रही इस योजना का नाम डॉ सविता बेन अंबेडकर अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना है। इन दोनों योजनाओं के तहत सुखद दांपत्य जीवन के लिए पति-पत्नी को ढाई लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। आइए हम पहले आपको मोदी सरकार की योजना के बारे में बताते हैं कि आप उसका कैसे लाभ उठाएंगे।
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केंद्र सरकार के द्वारा डॉ अंबेडकर स्कीम फॉर सोशल इंटीग्रेशन थ्रू इंटरकास्ट मैरिज योजना की शुरुआत ऐसे तो 2013 में ही हुई थी। लेकिन पहले इसमें पाबंदी यह थी कि यह लाभ उन्हीं को मिलेगा जिनका इनका पांच लाख रुपये तक है। लेकिन 2017 में मोदी सरकार ने इस पाबंदी को खत्म कर दी। जाति व्यवस्था के खिलाफ मजबूत कदम उठाने वाले हर युवक और युवतियां सरकर के इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। इस योजना का लाभ लेने के लिए ambedkarfoundation.nic.in से जानकारी लेनी होगी। इसी वेबसाइट पर आपको ऑनलाइन अप्लीकेशन फॉर्म भी मिलेगा।
ये हैं शर्त
शादी हिंदू विवाह अधिनियम 1955 के तहत रजिस्टर होना चाहिए। इस संबंध में नव दंपति को अफडेविट देना होगा। दोनों में से कोई एक दलित समुदाय से होना चाहिए, जबकि दूसरा दलित समुदाय के बाहर का होना चाहिए। इसके साथ ही जो आप अप्लिकेशन देंगे, उसमें कोई ऐसा डॉक्यूमेंट आपको देना होगा कि आप पहले से शादीशुदा नहीं हैं। नवदंपत्ति का संयुक्त बैंक खाता भी होना चाहिए, जिसकी जानकारी आपको फॉर्म के साथ देनी होगी। वहीं, आय प्रमाण पत्र भी साथ में देना होगा।
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अप्लिकेशन फॉर्म के जांच के बाद अगर आप इसके पात्र हुए तो सरकार तुरंत आपके ज्वाइंट अकाउंट में डेढ़ लाख रुपये ट्रांसफर कर देती है। इसके अलावे बाकी के एक लाख आपके ज्वाइंट अकाउंट में ही तीन साल के लिए फिक्स डिपॉजिट कर देती है। फिर अंबेडकर फाउंडेशन की सहमति से ये राशि आपको ब्याज के साथ तीन साल बाद मिल जाएगा।
अप्लिकेशन फॉर्म के जांच के बाद अगर आप इसके पात्र हुए तो सरकार तुरंत आपके ज्वाइंट अकाउंट में डेढ़ लाख रुपये ट्रांसफर कर देती है। इसके अलावे बाकी के एक लाख आपके ज्वाइंट अकाउंट में ही तीन साल के लिए फिक्स डिपॉजिट कर देती है। फिर अंबेडकर फाउंडेशन की सहमति से ये राशि आपको ब्याज के साथ तीन साल बाद मिल जाएगा।
मध्यप्रदेश में दलित आबादी
वहीं, दलित आबादी की बात करें तो पूरे देश की दलित आबादी की 5.632 प्रतिशत मध्यप्रदेश में रहती है। अंबेडकर फाउंडेशन की रिपोर्ट के अनुसार जनवरी 2018 तक कुल 28 लोगों ने इस योजना का लाभ उठाया है। जबकि सबसे ज्यादा 102 लोग उत्तर प्रदेश में इस योजना का लाभ लिया।
वहीं, दलित आबादी की बात करें तो पूरे देश की दलित आबादी की 5.632 प्रतिशत मध्यप्रदेश में रहती है। अंबेडकर फाउंडेशन की रिपोर्ट के अनुसार जनवरी 2018 तक कुल 28 लोगों ने इस योजना का लाभ उठाया है। जबकि सबसे ज्यादा 102 लोग उत्तर प्रदेश में इस योजना का लाभ लिया।
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अंतरजातीय विवाह को प्रोत्साहित करने के लिए ही मध्यप्रदेश सरकार डॉ सविता बेन अंबेडकर अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना चलाती है। इस योजना का संचालन अनुसूचित जाति विभाग के द्वारा किया जाता है। लाभ लेने के लिए आपको अनुसूचित जाति विकास पोर्टल मध्यप्रदेश पर जाना होगा। या फिर आपको इस पते पर scdevelopmentmp.nic.in/Public/Schemes लॉगिन करना होगा। यहां से आप ऑनलाइन भी अप्लाई कर सकते हैं।
अंतरजातीय विवाह को प्रोत्साहित करने के लिए ही मध्यप्रदेश सरकार डॉ सविता बेन अंबेडकर अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना चलाती है। इस योजना का संचालन अनुसूचित जाति विभाग के द्वारा किया जाता है। लाभ लेने के लिए आपको अनुसूचित जाति विकास पोर्टल मध्यप्रदेश पर जाना होगा। या फिर आपको इस पते पर scdevelopmentmp.nic.in/Public/Schemes लॉगिन करना होगा। यहां से आप ऑनलाइन भी अप्लाई कर सकते हैं।
ऐसे मिलती है प्रोत्साहन राशि
इस योजना के तहत पति-पत्नी को दांपत्य जीवन के लिए ढाई लाख रुपये मध्यप्रदेश सरकार देती है। यह राशि दोनों के संयुक्त खाते में आठ साल के लिए फिक्स डिपोजिट कर दी जाती है। इसलिए शादी के बाद दंपत्ति के नाम पर ज्वाइंट अकाउंट होने चाहिए।
इस योजना के तहत पति-पत्नी को दांपत्य जीवन के लिए ढाई लाख रुपये मध्यप्रदेश सरकार देती है। यह राशि दोनों के संयुक्त खाते में आठ साल के लिए फिक्स डिपोजिट कर दी जाती है। इसलिए शादी के बाद दंपत्ति के नाम पर ज्वाइंट अकाउंट होने चाहिए।
ये हैं शर्त
इसके लाभुक मध्यप्रदेश के स्थाई निवासी हों। उनकी उम्र 35 साल से अधिक नहीं होनी चाहिए। साथ ही दंपत्ति के ऊपर किसी भी तरह का कोई आपराधिक मुकदमा नहीं हो। विवाह का सर्टिफिकेट अनिवार्य हो। शादी के एक साल के अंदर ही आपको आवेदन करना होगा। इसके साथ ही आवेदकों के पास जाति प्रमाण पत्र भी होना चाहिए। नवविवाहित जोड़े का एक साथ सिर्फ फोटो होना चाहिए।
इसके लाभुक मध्यप्रदेश के स्थाई निवासी हों। उनकी उम्र 35 साल से अधिक नहीं होनी चाहिए। साथ ही दंपत्ति के ऊपर किसी भी तरह का कोई आपराधिक मुकदमा नहीं हो। विवाह का सर्टिफिकेट अनिवार्य हो। शादी के एक साल के अंदर ही आपको आवेदन करना होगा। इसके साथ ही आवेदकों के पास जाति प्रमाण पत्र भी होना चाहिए। नवविवाहित जोड़े का एक साथ सिर्फ फोटो होना चाहिए।