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भोपाल

हेलमेट न पहनने पुलिस ने लिखवाया 100 शब्दों का निबंध, लोगों के जवाब देख अफसरों ने पकड़ लिया माथा

निबंध के जरिए पुलिस ने यह जानने की कोशिश की है कि आखिर लोग हेलमेट क्यों नहीं पहनते

भोपालJan 17, 2020 / 06:34 pm

Muneshwar Kumar

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भोपाल/ नए मोटर व्हीकल एक्ट लागू होने के बाद पूरे देश में ट्रैफिक नियम का उल्लंघन करने चालान के किस्से तो आपने बहुत सुने होंगे। किसी के हजारों में तो किसी के लाखों रुपये में चालान कट रहे थे। मगर अपने मध्यप्रदेश में अभी नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू नहीं हुआ। पुराने ही दरों पर भोपाल पुलिस नियम के उल्लंघन करने वालों का चालान काटती थी। मगर पुलिस ने सड़क सुरक्षा सप्ताह के दौरान यह जानने की कोशिश की कि आखिर लोग हेलमेट पहनने से परहेज क्यों करते हैं।
भोपाल स्थित रोशनपुरा चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस ने एक मंच बनवाया। वहां से बिना हेलमेट के गुजर रहे लोगों को पकड़ा। लेकिन उनका चालान नहीं काटा गया। पुलिस ने सजा के तौर पर इनसे सौ शब्दों का एक निबंध लिखवाया। जिसमें सवाल था कि हेलमेट क्यों नहीं पहना। इस दौरान लोगों ने ऐसे-ऐसे जवाब लिखे, जिसे पढ़ पुलिस के अफसरों ने अपना माथा पकड़ लिया।
https://twitter.com/ANI/status/1217725005108142081?ref_src=twsrc%5Etfw
पेपर लिखिए
दरअसल, रोशनपुरा चौराहे पर गुरुवार को दर्जनों की संख्या में ट्रैफिक पुलिस के मंच के पास जवान तैनात थे। उस चौराहे से बिना हेलमेट के गुजर रहे लोगों को रोकती और फिर उन्हें मंच पर ले जाती। चाहे वह पुरुष या फिर महिला सभी के लिए एक बराबर सजा थी। मंच पर पहुंचे ही वहां मौजूद जवान लोगों के टेस्ट का पेपर थमा देते थे। जिसमें अपना नाम पता भरकर उस सवाल का जवाब देना होता था। सवाल था कि हेलमेट क्यों नहीं पहना।
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ऐसे पांच सौ लोग पकड़े गए
पुलिस के इस अभियान के दौरान करीब पांच सौ लोग बिना हेलमेट के पकड़े गए। जिनसे निबंध लिखवाया गया। निबंध लिखने के दौरान कई लोगों ने तो अपनी गलती स्वीकार की। मगर कई ऐसे लोगों थे, जिन्होंने ऐसे-ऐसे तर्क दिए, जिसे पढ़ पुलिसवाले हैरान रह गए। गलती स्वीकार करने वाले लोगों ने यह शपथ भी ली कि वह आगे से हेलमेट पहनकर चलेंगे।
ऐसे-ऐसे आएं जवाब
गोपाल वर्मा नाम के एक वाहन चालक ने लिखा कि मेरी दादी की अचानक तबियत खराब हो गई। जल्दी-जल्दी में मुझे हेलमेट पहनने की याद नहीं आई।
अंजली ने लिखा कि मेरी सहेली के घर में प्रॉब्लम है, उसे जल्दी में बस स्टैंड छोड़ना था। हेलमेट नहीं पहन पाई।
अनुराग देशमुख ने लिखा कि मेरी एक्टिवा पंचर हो गई थई। पंचर बनवाने आया था।
फतेबहादुर शाह ने लिखा कि मैं बेरोजगार हूं। एक हजार रुपये हर महीने कमा नहीं पाता। आप ही बताइए हेलमेट कैसे खरीद लूं।
उज्जवल कुमार ने कहा कि मुझे जल्दी काम पर जाना था। इसलिए हेलमेट नहीं पहना।
दर्शन लाल अहिरवार ने कहा कि सर्वाइकल प्रॉब्लम की वजह से डॉक्टर ने सिर पर पचास ग्राम से अधिक वजन रखने से मना किया है। साबुन भी घिसी हुई लगाता हूं।
आनंदी ने कहा कि मुझे चश्मा लगा है। इसलिए हेलमेट नहीं लगाती।
मौके पर तैनात पुलिस अधिकारी ने कहा कि सभी लोग अलग-अलग कारण लिख रहे हैं। कोई कह रहे हैं कि मैं जल्दी से घर से निकल गया था तो कोई कह रहा है कि हेलमेट डिक्की में रखा हुआ है। किसी ने बताया कि हमें सिरदर्द होता है। तो किसी के पास हेलमेट ही नहीं था। वहीं, पुलिस ने कहा कि जिनके निबंध अच्छे होंगे, उन्हें हम सम्मानित भी करेंगे। पुलिस इस टेस्ट के जरिए लोगों का तर्क भी जनना चाहती थी कि आखिर उनलोगों ने हेलमेट क्यों नहीं पहना।

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