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समर्थन मूल्य में व्यापारियों का अनाज खपाना अब होगा मुश्किल

समर्थन मूल्य में व्यापारियों का अनाज खपाना अब होगा मुश्किलमोबाइल एेप से होगा किसानों का रजिस्ट्रेशन, राजस्व विभाग गिरदावारी लिंक होगा एेप

भोपालSep 14, 2019 / 09:22 am

KRISHNAKANT SHUKLA

कृषि उपज मंडी में अक्टूबर से शुरू हो सकती है भुगतान के लिए पेमेंट गेटवे प्रक्रिया

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भोपाल। समर्थन मूल्य में व्यापारियों का गेहूं खपाना किसानों के लिए अब मुश्किल हो जाएगा। इस वर्ष समर्थन मूल्य पर अनाज बेंचने वाले किसानों का रजिस्ट्रेशन मोबाइल एेप पर होगा। इस एेप में किसानों ऋण पुस्तिका और खेत में बोई गई फसल (गिरदावरी) की जानकारी भी अपलोड रहेगी।

 

किसानों को यह एेप खाद्य विभाग की साइड से नि.़शुल्क डाउनलोड करना होगा। रजिस्ट्रेशन के लिए उन्हें एेप में अपने नाम, पता और खेती का रकबा तथा उन्हें कितना धान-गेहूं वा अन्य फसल बेंचना है, इसकी जानकारी विस्तार से देना पड़ेगा।


खाद्य विभाग ने ई-उपार्जन मोबाइल एेप तैयार कर लिया है। एेप में रजिस्ट्रेशन 16 सितम्बर से शुरू किया जाएगा। मोबाइल एेप के अलावा खरीदी केन्द्रों पर भी किसानों का रजिस्ट्रेशन हो सकेगा। जिन किसानों के पास वन अधिकार के पत्र है और जिन्होंने जमीन बटाइ पर ली है, उन्हें मोबाइल एेप से रजिस्ट्रेशन की सुविधान नहीं दी गई है। उनका रजिस्ट्रेशन सिर्फ खरीदी केन्द्रों पर ही होगा।

वहां उन्हें वन अधिकार पर और बटाई समझौता पत्र दिखाना होगा। खरीदी केन्द्रों पर रजिस्ट्रेशन कराने के लिए किसानों का अपना आधार, मोबाइल नम्बर और बैंक एकाउंट भी बताना पड़ेगा।

एमपी किसान एेप से होगा ई-उपार्जन एप लिंक
ई-उपार्जन मोबाइल एेप और राजस्व विभाग का एमपी किसान एेप से आपस में लिंक होगा। ई-उपार्जन में जैसे ही किसान आपना रजिस्ट्रेशन करेंगे वैसे ही उसके खेत से जुड़ा पूरा डेटा किसान एेप से लिंक हो जाएगा। इससे किसानों के पास जमीन कितनी है, उस क्षेत्र में अनाज की उत्पादकता और उनके खेत में कौन सी फसल बोई थी, इसकी पूरी डिटेल जानकारी सामने आ जाएगी।

 

दोनों एेप आपस में लिंक होने से खरीदी केन्द्रों पर व्यापारियों चोरी छिपे अनाज बेंचने पर अंकुश लगेगा। साथ ही रजिस्टर्ड किसान अगर दूसरे किसान की फसल, जिन्होंने रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है समर्थन मूल्य पर बेंचने की कोशिश करते हैं तो वह पकड़ में आ जाएगा।


उठाई मांग, पहले मिले कमीशन

सहकारिता विभाग ने सरकार के सामने यह मांग रखी है कि अनाज खरीदी के साथ ही समितियों का कमीशन को मिले। इसके साथ ही समितियों स्तर पर ही फेयर एवरेज क्वालिकी (एफएक्यू) का निर्धारण हो। किसानों को भुगतान होने पर नॉन एफएक्यू अनाज बताने से समितियों का घाटा होता है।
इसके अलावा यह भी तय किया जाए कि समय पर परिवहन नहीं करने पर खरीदे गए अनाजों की जिम्मेदारी किस एजेंसी की होगी। क्योंकि कई बार गेहूं खरीदी केन्द्रों पर दो माह तक परिवहन नहीं होने से रखा रह जाता है और खराब या तय मात्र से कम होने पर यह जिम्मेदारी समितियों पर थोप दी जाती है।

रजिस्ट्रेशन के लिए ई-उपार्जन मोबाइल एेप तैयार किया जा रहा है। इस एेप को राजस्व विभाग के रिकार्डों से जोड़ा गया है। – श्रीमन शुक्ला, कमिश्नर खाद्य विभाग

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