जाट महाकुंभ में उठाई आवाज, 50 हजार से अधिक लोग जुटे
भोपाल. राजधानी के भेल दशहरा मैदान में आयोजित जाट महाकुंभ में रविवार को जाट समाज के लोग जुटे और 11 सूत्रीय मांगों को लेकर मंथन किया। सभी का कहना था कि पूरे प्रदेश में समाज की आबादी तकरीबन 30 लाख है और 42 जिले ऐसे है, जहां समाज के लोगों की संख्या काफी है। ऐसे में समाज को भी पर्याप्त प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए। महाकुंभ में 50 हजार से अधिक लोग शामिल हुए थे। इस दौरान सामाजिक एकजुटता के लिए भी संकल्प लिया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और कांगे्रस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ विशेष रूप से मौजूद रहे। समाज के लिए एकजुट होकर करेंगे कार्य महाकुंभ में लक्ष्मीनारायण गोरा ने कहा कि जाट जाति नहीं बल्कि विचारधारा है। समाज की जो समस्याएं है, उसे एकजुट होकर दूर करना होगा। राजस्थान विवि के निर्मल चौधरी ने कहा कि यहां पंच भी अपना और सरपंच अपना होना चाहिए। समाज के लोग संघर्ष करते हैं तो सभी समाज उसमें सहयोग करते हैं। आरक्षण संघर्ष समिति के यशपाल मलिक ने भी सामाजिक एकजुटता का संदेश दिया। इस दौरान मंत्री कमल पटेल, अभय चौटाला हरियाणा, युद्धवीर सिंह जाट, राधे जाट, रंजीत जाट आदि ने भी विचार व्यक्त किए। समाज हित के लिए कभी अपने राजनीतिक कॅरियर की परवाह नहीं की- बेनीवाल राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सुप्रीमो और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल रविवार को भोपाल में आयोजित जाट महाकुंभ में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि राजस्थान और मध्यप्रदेश के किसानों का आपसी गठजोड़ और भाईचारा देखकर बहुत खुशी होती है। बेनीवाल ने कहा कि समाज हित के लिए उन्होंने कभी खुद के राजनीतिक कॅरियर की परवाह नहीं की और मंत्री पदों को भी ठुकरा दिया। उन्होंने कहा कि समाज के मंच पर सभी लोगों का राजनीतिक मतभेदों को भुलाकर एक साथ बैठना अच्छी बात है। सांसद ने मध्यप्रदेश के मालवा क्षेत्र का उल्लेख करते हुए कहा कि राजस्थान में जब भी अकाल का साया पड़ता तब वहां के किसान रोजी-रोटी के लिए मालवा आते थे। उन्होंने राजस्थान में किसानों और गुर्जरों पर हुए गोलीकांड का उल्लेख करते हुए कहा कि जब सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने की बात आई तब उनके तीनों विधायक पायलट के साथ खड़े थे। सांसद ने अपने संबोधन में केंद्र की अग्निपथ योजना का पुरजोर विरोध किया।