एक दूसरे पर निशाना साधा
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि वे सिर्फ वोटों की फसल काटने आए हैं अभी तक खराब हुई फसल का मुआवजा तक नहीं दिया। कांग्रेस की तरफ से मंत्री विजयलक्ष्मी साधौ, ओमकार सिंह मरकाम, कमलेश्वर पटेल, सुरेन्द्रसिंह बघेल, बाला बच्चन, जीतू पटवारी,पीसी शर्मा और सचिन यादव ने कांग्रेस उम्मीदवार कांतिलाल भूरिया के पक्ष में प्रचार किया।
21 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे
वहीं भाजपा अध्यक्ष राकेश सिंह ने पांच-पांच बूथों का क्लस्टर बनाकर चुनावी बैठकें की और भाजपा उम्मीदवार भानु भूरिया के पक्ष में मतदान की रणनीति तैयार की। झाबुआ में 21 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे।
शिवराज सिर्फ झूठ बोल सकते है
झाबुआ के राणापुर में कमलनाथ ने चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि कहा कि कई महीनों से मैं झाबुआ के विभिन्न क्षेत्रो मे दौरा कर रहा हूं, आपसे मिल रहा हूं, पन्द्रह सालों तक भारतीय जनता पार्टी की सरकार रही। अभी भी मुझे आवेदन देते हैँ। कोई कहता है कि सड़क बनवा दीजिए, कोई भवन की मांग करता है। मै तो शिवराज सिंह चौहान से पूछता हूँ कि पन्द्रह साल झूठ बोला, आदत पड़ी हुई है, आदत से मजबूर हैं।
आपके साथ बैठूंगा
कमलनाथ ने कहा कि शिवराज जितना झूठ बोल सकते हैं, बोल रहे हैं। कहते हैं कि कर्जा माफ नहीं हुआ, शिवराज जी पन्द्रह साल का हिसाब दो इन माताओं बहनों को। प्रदेश ने आपको घर बिठा दिया है और 24 तारीख को ये झाबुआ के लोग भी यही साबित करेंगे। उन्होंने कहा कि यहां के आदिवासी सीधे-साधे, भोले-भाले है। लेकिन मूर्ख नहीं। आपसे रिश्ता जोडने आया हूं। जैसे ही चुनाव खत्म होगा, मै आपके बीच आऊंगा, आपके साथ बैठूंगा।
मेरा सिर्फ मुंह नहीं चलता,मैं भी खूब चलता हूं : शिवराज
शिवराज सिंह चौहान ने कांतिलाल भूरिया के गांव मोर डोंडिया में शुक्रवार रात को विश्राम किया और यहां के लोगों से मुलाकात की। शनिवार को राणापुर में रोड शो करते हुए उन्होंने कहा कि आज वो भी आये हैं, उडनख़टोला से आये हैं, खेतों में नहीं जायेंगे भाइयों सिर्फ वोट की फसल काटने आये है।
सुन लो कमलनाथ मै भी बहुत चलता हूं
मुझे पता चला कमलनाथ ने राणापुर में कहा है कि शिवराज का मुंह बहुत चलता है। सुन लो कमलनाथ मै भी बहुत चलता हूं, मेरा मुंह भी चलता है लेकिन जो भी चलता है प्राणों से प्यारी जनता के लिए चलता है। शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री से प्रदेश से जुड़े बीस सवाल पूछे। इन सवालों में मुआवजा न बंटन से लेकर आदिवासी कल्याण से जुड़े मुद्दे शामिल थे।