भूमि और भवन संबंधी ब्योरा गलत, खसरे में नाम भी अन्य का
जांच में पाया- ग्वालियर बरौहा के कराहल एजुकेशन कॉलेज की जांच में पाया कि भूमि, भवन संबंधी ब्योरा गलत है। कॉलेज ने सर्वे क्र.-114/02 व 115/01 पर भवन होना बताया है, जबकि मौके पर कोई निर्माण नहीं मिला। खसरा में जमीन किसी प्रखर प्रताप सिंह परमार के नाम पर दर्ज है। भूमि सर्वे क्र.-120 पर जो भवन पाया वह भी दूसरी शैक्षणिक संस्थाओं के स्वामित्व में है।
विवि की अधिनियम के हिसाब से फैकल्टी नहीं
जांच में पाया- भिण्ड के मेहगांव स्थित जरपुरा के प्राइवेट आइडियल कॉलेज की जांच में पाया कि शैक्षणिक स्टाफ की नियुक्ति विवि अधिनियम की धारा 28/17 के तहत नहीं की गई। कॉलेज में संबद्धता के लिए जरूरी संसाधनों का अभाव है। अवैधानिक तरीके से जीवाजी विवि से संबद्धता लेकर नियम विरुद्ध कॉलेज संचालन किया जा रहा है।
सबकुछ गड़बड़ फिर जीवाजी विवि ने दे दी संबद्धता
जांच में पाया- दतिया के चिटुआ स्थित राधाकृष्ण कॉलेज की जांच में पाया कि प्राचार्य और शिक्षकों की नियुक्ति विवि अधिनियम की धारा 28/17 के अंतर्गत नहीं है। साथ ही सुविधाओं का भी अभाव है। इस सब की अनदेखी करते हुए जीवाजी विवि प्रशासन ने संबद्धता दे दी।
एडी और नायब तहसीलदार को नहीं दी जानकारी
जांच में पाया- दतिया के श्री रामराजा शिक्षा महाविद्यालय की जांच के लिए क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक को भूमि, भवन, प्राचार्य और शिक्षकों आदि की जानकारी नहीं दी। नायब तहसीलदार को भी जांच में सहयोग नहीं किया। कॉलेज की इमारत सर्वे क्र.- 342/36 ग्राम रामनगर में है, लेकिन स्वामित्व की स्थिति स्पष्ट नहीं। संबद्धता संबंधी निरीक्षण प्रारूप में 01 से 07 तक जानकारी निरंक है।
विभाग से मिले शोकॉज के बाद अब चारों कॉलेजों के जिम्मेदारों ने प्रत्यक्ष रूप से मय दस्तावेज लिखित में अपना पक्ष रखा है, जिनका परीक्षण करवा रहे हैं। इसके बाद कार्रवाई सुनिश्चत की जाएगी।
– दीपक सिंह, आयुक्त, उच्च शिक्षा