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भोपाल

चार कॉलेजों ने फर्जी दस्तावेज लगाकर हासिल कर ली विश्वविद्यालय की संबद्धता, जांच में पुष्टि के बाद आयुक्त ने दिया शोकॉज

एक्सक्लूसिव- जीवाजी विश्वविद्यालय के जिम्मेदारों ने ग्वालियर-चंबल संभाग के कॉलेेजों को थोक में दे दी संबद्धता, मिल रही शिकायतों की उच्च शिक्षा विभाग करवा रहा जांच- ग्वालियर के प्राइवेट कॉलेजों का कारनामा, किसी ने भूमि-भवन की जानकारी गलत दी तो किसी के पास नहीं हैं मानकों के हिसाब से फैकल्टी और स्टाफ- आयुक्त ने क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक से जांच करवाई, इसमें भी कॉलेजों ने अड़ंगे डाले तो सहयोग नहीं किया, जिसके बाद भोपाल तलब किए गए संचालक

भोपालJun 14, 2022 / 12:32 am

shyam singh tomar

चार कॉलेजों ने फर्जी दस्तावेज लगाकर हासिल कर ली विश्वविद्यालय की संबद्धता, जांच में पुष्टि के बाद आयुक्त ने दिया शोकॉज

चार कॉलेजों ने फर्जी दस्तावेज लगाकर हासिल कर ली विश्वविद्यालय की संबद्धता, जांच में पुष्टि के बाद आयुक्त ने दिया शोकॉज

भोपाल. ग्वालियर और चंबल संभाग में प्राइवेट कॉलेजों की संबद्धता को लेकर बड़ा फर्जीवाड़ा फूटा है, जिसमें जीवाजी विश्वविद्यालय के जिम्मेदारों पर भी मिलीभगत के आरोप लग रहे हैं। यहां पर कई प्राइवेट कॉलेजों ने संबद्धता के लिए भूमि, भवन से लेकर प्राचार्य, प्राध्यापकों तक की जानकारी फर्जी दी है, जिसकी शिकायत पर उच्च शिक्षा विभाग की ओर से जांच शुरू करवाई गई। इसमें ग्वालियर, दतिया और भिण्ड जिले के ऐसे चार प्राइवेट कॉलेज की पोल खुल गई, जिनके कागजों में सब गोलमाल है। उच्च शिक्षा आयुक्त ने इनके संचालकों को शोकॉज जारी करने के साथ ही 8 जून को सुबह 11 बजे तक कार्यालय बुलाकर मय प्रमाण स्पष्टीकरण देने के लिए कहा था। इस कड़ाई के बाद कॉलेजों के जिम्मेदार भोपाल आए और स्पष्टीकरण के साथ दस्तावेजी प्रमाणों की प्रतिलिपि भी देकर गए हैं।
फर्जीवाड़े की पाठशाला-1
भूमि और भवन संबंधी ब्योरा गलत, खसरे में नाम भी अन्य का
जांच में पाया- ग्वालियर बरौहा के कराहल एजुकेशन कॉलेज की जांच में पाया कि भूमि, भवन संबंधी ब्योरा गलत है। कॉलेज ने सर्वे क्र.-114/02 व 115/01 पर भवन होना बताया है, जबकि मौके पर कोई निर्माण नहीं मिला। खसरा में जमीन किसी प्रखर प्रताप सिंह परमार के नाम पर दर्ज है। भूमि सर्वे क्र.-120 पर जो भवन पाया वह भी दूसरी शैक्षणिक संस्थाओं के स्वामित्व में है।
फर्जीवाड़े की पाठशाला-2
विवि की अधिनियम के हिसाब से फैकल्टी नहीं
जांच में पाया- भिण्ड के मेहगांव स्थित जरपुरा के प्राइवेट आइडियल कॉलेज की जांच में पाया कि शैक्षणिक स्टाफ की नियुक्ति विवि अधिनियम की धारा 28/17 के तहत नहीं की गई। कॉलेज में संबद्धता के लिए जरूरी संसाधनों का अभाव है। अवैधानिक तरीके से जीवाजी विवि से संबद्धता लेकर नियम विरुद्ध कॉलेज संचालन किया जा रहा है।
फर्जीवाड़े की पाठशाला-3
सबकुछ गड़बड़ फिर जीवाजी विवि ने दे दी संबद्धता
जांच में पाया- दतिया के चिटुआ स्थित राधाकृष्ण कॉलेज की जांच में पाया कि प्राचार्य और शिक्षकों की नियुक्ति विवि अधिनियम की धारा 28/17 के अंतर्गत नहीं है। साथ ही सुविधाओं का भी अभाव है। इस सब की अनदेखी करते हुए जीवाजी विवि प्रशासन ने संबद्धता दे दी।
फर्जीवाड़े की पाठशाला-4
एडी और नायब तहसीलदार को नहीं दी जानकारी
जांच में पाया- दतिया के श्री रामराजा शिक्षा महाविद्यालय की जांच के लिए क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक को भूमि, भवन, प्राचार्य और शिक्षकों आदि की जानकारी नहीं दी। नायब तहसीलदार को भी जांच में सहयोग नहीं किया। कॉलेज की इमारत सर्वे क्र.- 342/36 ग्राम रामनगर में है, लेकिन स्वामित्व की स्थिति स्पष्ट नहीं। संबद्धता संबंधी निरीक्षण प्रारूप में 01 से 07 तक जानकारी निरंक है।
मय दस्तावेज जो आवेदन दिया है, उसका परीक्षण करवा रहे हैं
विभाग से मिले शोकॉज के बाद अब चारों कॉलेजों के जिम्मेदारों ने प्रत्यक्ष रूप से मय दस्तावेज लिखित में अपना पक्ष रखा है, जिनका परीक्षण करवा रहे हैं। इसके बाद कार्रवाई सुनिश्चत की जाएगी।
– दीपक सिंह, आयुक्त, उच्च शिक्षा

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