यह पहला मौका नहीं है जब राजभवन ने इस प्रकार के निर्देश दिए हों। इसके पहले राज्यपाल नैक ग्रेडिंग को लेकर विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की सामूहिक बैठक भी ले चुके हैं। इसमें राज्य के सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों के कुलपति शामिल रहे। सामूहिक बैठक के बाद उन्हें नैक मूल्यांकन की प्रक्रिया और जरूरी कागजातों को तैयार के लिए समूह भी बनाए गए।
राजभवन के निर्देश पर विश्वविद्यालय नैक मूल्यांकन के लिए सात कार्यशालाएं आयोजित कर चुके हैं। इन कार्यशालाओं में प्रदेश के निजी एवं शासकीय विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों ने नैक मूल्यांकन प्रक्रिया की बारीकियां समझीं। इनमें प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालय के कुलपतियों ने नैक मूल्यांकन के विभिन्न चरणों की व्याख्या की।
सामूहिक कार्य करने पर जोर –
राजभवन का फोकस इस बात को लेकर है कि विश्वविद्यालय कोई भी निर्णय लेने के पहले आपस में चर्चा करें। समूह चर्चा भी हो सकती है। इससे एक दूसरे के बेहतर प्रयोग वे अपने-अपने यहां अपना सकते हैं। नैक मूल्यांकन के लिए भी प्रस्ताव तैयार करने में एक दूसरे की मदद ली जा सकती है। यदि किसी के यहां कोई कमी है तो दूसरा विश्वविद्यालय उसे दूर करने के सुझाव दे सकता है। इसकी मॉनीटरिंग राजभवन स्वयं कर रहा है।
कार्यशालाएं भी की विश्वविद्यालयों ने — राज्यपाल के निर्देश पर प्रदेश की उच्च शिक्षण संस्थाओं में नैक मूल्यांकन में उच्च स्थान लाने के लिये बरकतउल्ला विश्वविद्यालय द्वारा प्रथम कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में प्रदेश के निजी एवं शासकीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने सहभागिता की। कार्यशाला में नैक के अध्यक्ष प्रो. व्ही.एस. चौहान और प्रमुख सचिव हरिरंजन राव भी उपस्थित थे।