जय छह साल की उम्र से ही लाफ्टर शो कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि जब दोनों पैरों के आपरेशन के दौरान अस्पताल में भर्ती रहा, तब पापा ने हंसी के चुटकलों की कैसेट दी और उसे सुनने के बाद साथ के बच्चों को सुनाया। इससे अपना तो दर्द भूला ही, दूसरों को भी हंसाया। फिर इसे जिंदगी का हिस्सा बना लिया। वे कहते हैं मैं अपनी कामयाबी का पूरा श्रेय भगवान को देता हूं। मेरा मकसद ताउम्र दुनिया को हंसाना ही है।
जय ने बच्चों से मोटिवेशनल बातें भी कहीं। उन्होंने बताया कि औरों की तहत कलाकारों को भी बहुत दर्द रहता है लेकिन वे मंच पर अपना दर्द जाहिर नहीं करते। उन्होंने कहा कि मैं 17 साल से देश के मंचों पर परफार्मेंस कर रहा हूं लेकिन भोपाल पहली बार आया हूं। यहां तालाब और हरियाली के बीच रहना यादगार अनुभव रहा।