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भोपाल

ज्योतिरादित्य सिंधिया इस सीट से लड़ सकते हैं लोकसभा चुनाव, जानिये कांग्रेस की लोकसभा-2019 की रणनीति

जानिये MP में भाजपा और कांग्रेस किन सीटों पर दे रहे हैं खास ध्यान…

भोपालJan 15, 2019 / 12:08 pm

दीपेश तिवारी

scindia

ज्योतिरादित्य सिंधिया इस सीट से लड़ सकते हैं लोभसभा चुनाव, जानिये कांग्रेस की लोकसभा-2019 की रणनीति

भोपाल। लोकसभा-2019 चुनावों को कुछ ही माह का समय बचा है ऐसे में मध्यप्रदेश में कांग्रेस व भाजपा ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। ऐसे में पार्टियों के लिए सांसदों की सीटों को लेकर कवायद शुरू हो गई है।

दोनों ही ओर से जहां नेता सुरक्षित सीटों की ओर नजर जमाए बैठे हैं, वहीं दोनों पार्टियों मेंएक दूसरे की पिछली सीटों को हराने के लिए भी रणनीति बनना शुरू हो चुकी है।

एक ओर जहां कांग्रेस विधानसभा चुनाव में जीत के आत्मविश्वास के साथ सीटें बढ़ाने की कोशिश में जुटी है। वहीं दूसरी ओर भाजपा 26 सीटों के पिछले आंकड़े को कायम रखने के प्रयास कर रही है। दोनों दल बड़े चेहरों को मैदान में उतारने की तैयारी में हैं। इसके साथ ही कांग्रेस जल्द ही भितरघातियों पर भी कार्रवाई के मूड़ में दिख रही है।

वहीं चर्चा है कि हर पार्टी चुनाव में ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने की कोशिशों के बीच दूसरे को हराने के लिए नई नई रणनीतियां बना रहीं हैं।

ऐसे में अब कांग्रेस में गुना सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के लोकसभा चुनाव लड़ने को लेकर भी प्रदेश में कई तरह की अटकलें भी शुरू हो गईं हैं। दरअसल सिंधिया के लिए गुना और ग्वालियर दोनों ही सीटें पूर्ण रुप से जीत वाली मानी जाती हैं। ऐसे में सूत्रों के अनुसार सिंधिया इस बार ग्वालियर सीट से चुनाव लड़ने जा रहे हैं।

दरअसल ग्वालियर सीट पर अभी भाजपा का कब्जा है, यहां से केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर सांसद हैं। कांग्रेस इस सीट पर वापस कब्जा चाहती है, क्योंकि यह सीट कई मायनों में अहम मानी जाती है। इसी को देखते हुए सिंधिया इस बार ग्वालियर की ओर रुख कर सकते हैं।

ये है कांग्रेस की रणनीति!…
चर्चा है कि इस बार कांग्रेस कई सीटों पर बदलाव के मूड़ में हे ताकि भाजपा को कड़ी चुनौती देने के साथ ही ज्यादा से ज्यादा सीटों पर कब्जा जमा सके। इसके तहत कांग्रेस आपने दिग्गजों को एक साथ एक से ज्यादा स्थानों पर भी चुनाव लड़ा सकती है।

वहीं कांग्रेस के सामने हमेशा ये समस्या रही है कि यदि सिंधिया ग्वालियर की ओर रुख करते हैं तो गुना सीट कांग्रेस के हाथों से निकल जाती है। और गुना आते हैं तो ग्वालियर सीट…

 

चर्चा है कि इस बार इस मामले को कांग्रेस एक अलग तरीके से निपटाने के मूड़ में है, जिसके तहत ज्योतिरादित्य सिंधिया को वह ग्वालियर से वहीं उनकी पत्नी प्रियदर्शनी राजे सिंधिया को गुना से लोकसभा चुनावों में खड़ा कर सकती है।

वहीं यह भी बताया जाता है कि इस बार नरेंद्र सिंह तोमर जो भाजपा से ग्वालियर के सांसद हैं, वे इस बार भोपाल की ओर रुख करते हुए भोपाल से लोकसभा की दावेदारी कर सकते हैं।

ये है भाजपा की रणनीति…
वहीं सामने आ रही जानकारी के अनुसार विधानसभा चुनाव में पिछड़ने के बाद भाजपा ने भी लोकसभा चुनाव में जीत के लिए विधानसभा चुनाव के दौरान बनाई गई लोकसभा चुनाव अभियान समिति को फिर एक्टिव कर दिया है।

सूत्रों के अनुसार पार्टी विधानसभा चुनाव के दौरान 29 में से 12 लोकसभा सीटों पर पिछड़ती दिख रही है। जिससे निपटने के लिए पार्टी इन सीटों पर अब कमर कसने जा रही है।

सामने आ रही सूचना के अनुसार इस बार पार्टी अपनी रणनीति बदलते हुए कांग्रेस के दिग्गज कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया और कांतिलाल भूरिया की सीटों पर मजबूत प्रत्याशी उतारने जा रही है। वहीं पार्टी संगठन प्रभात झा और थावरचंद गहलोत की भूमिका को लेकर मंथन कर रहा है।

ऐसे में पार्टी का मुख्य प्लान कांग्रेस के दिग्गज नेताओं को घेरने का बताया जाता है, जिसके तहत भाजपा कांग्रेस के दिग्गज नेताओं वाली सीटों पर अपने दिग्गज उतारेगी, ताकि कांग्रेस के नेता अपने क्षेत्र को छोड़कर कहीं ओर प्रचार के लिए नहीं जा सकें।

इसी के तहत भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज को लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए इस बार छिंदवाड़ा भेजे जाने की चर्चा भी है। माना जा रहा है यहां उनका सामना कांग्रेस के सीएम कमलनाथ के बेटे नकूलनाथ से होगा। वहीं इसके अलावा चौहान का नाम विदिशा सीट को लेकर भी चल रहा है। क्योंकि इस सीट को सुरक्षित माना जाता है।

जानिये दोनों पार्टियों के मुख्य प्लान! : कौन कहां से लड़ सकता है चुनाव-2019…

वहीं सूत्रों का यह भी कहना है कि इस बार 2019 के लोकसभा चुनावों में प्रत्याशियों की भारी उल्टफेर हो सकती है। सूत्रों के मुताबिक शिवराज विदिशा से या छिंदवाड़ा से चुनाव लड़ सकते हैं। वहीं इनके सामने कांग्रेस से नकुलनाथ के मैदान में आने की संभावना है।

जबकि कांग्रेस के गुना से सांसद ज्योतिरादित्यसिंधिया इस बार ग्वालियर से व उनकी पत्नी प्रियदर्शनी राजे सिंधिया इस बार गुना क्षेत्र से कांग्रेस की ओर से हाथ आजमा सकते हैं। जबकि भाजपा की ओर से भोपाल सीट पर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर चुनाव में उतर सकते हैं।

राजनीति: ऐसे समझें कहां होने जा रहा है क्या!…

कांग्रेस विधानसभा चुनाव के परिणाम के आधार पर लोकसभा चुनाव जीतने की रणनीति तैयार कर रही है। पार्टी प्रत्याशियों पर विचार करने लगी है। पार्टी के दिग्गज नेता सीट बदलने पर विचार कर रहे हैं।
गुना-शिवपुरी से सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर से चुनाव लड़ सकते हैं। विधानसभा चुनाव में इस अंचल की 34 में से 26 सीटें कांग्रेस ने जीती हैं। ग्वालियर जिले की छह सीटों में से पांच कांग्रेस और एक भाजपा ने जीती है। यही वजह है कि सिंधिया गुना की जगह ग्वालियर से चुनाव लड़ सकते हैं।
सिंधिया इस संबंध में आकलन कर रहे हैं। कांग्रेस की दूसरी परंपरागत सीट छिंदवाड़ा के सांसद कमलनाथ अब मुख्यमंत्री बन चुके हैं, इसलिए यहां से उनके पुत्र नकुलनाथ लोकसभा उम्मीदवार हो सकते हैं। इस संबंध में विधायक दीपक सक्सेना पहल भी कर चुके हैं। पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह को सीधी से चुनाव लड़ाया जाएगा। इस संबंध में हाल ही में दिल्ली में हुई बैठक में उनको संकेत भी दिए गए हैं।
मैं तो पार्टी का सिपाही हूं। मुझे पार्टी की ओर से जो आदेश मिलेगा उसका पालन करूंगा।
– अजय सिंह, पूर्व नेता प्रतिपक्ष

हम चाहते हैं कि नकुलनाथ छिंदवाड़ा से चुनाव लड़ें। हम कमलनाथ से भी बात करेंगे।
– दीपक सक्सेना, कांग्रेस विधायक
दिग्गज नेताओं को चुनावी मैदान में उतारेगी भाजपा..

: नरेंद्र सिंह तोमर – केंद्रीय मंत्री तोमर इस बार ग्वालियर की जगह मुरैना से चुनाव लड़ सकते हैं। भाजपा ने जयसिंह कुशवाह और शिवमंगल सिंह तोमर को मुरैना सीट का जिम्मा सौंपा है। उनका नाम भोपाल के लिए भी चल रहा है।
: शिवराज सिंह चौहान – पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लोकसभा चुनाव लडऩे के इच्छुक नहीं हैं, लेकिन पार्टी उन्हें विदिशा से उतार सकती है। उन्हें मुख्यमंत्री छिंदवाड़ा से भी उतारने की चर्चा है।
: थावरचंद गहलोत – 2009 में लोकसभा हारने के बाद राज्यसभा से संसद पहुंचे। देवास-शाजापुर या उज्जैन सीट से उतारे जा सकते हैं।

: उमा भारती- सूत्रों के मुताबिक उमा को फिर से मध्यप्रदेश में लाया जा सकता है। उमा की इच्छा भोपाल सीट से चुनाव लडऩे की रही है।
: कैलाश विजयवर्गीय – कैलाश जगह उनके पुत्र आकाश को विधानसभा का टिकट दिया था। अब कैलाश को इंदौर या मंदसौर से लोकसभा चुनाव लड़ाने पर विचार किया जा रहा है।

: राजेंद्र शुक्ला – पूर्व मंत्री शुक्ला को रीवा प्रत्याशी बनाया जा सकता है। ब्राह्मण वोट और सीट बनाए रखने के लिए उनका नाम सामने आ रहा है।
: भूपेंद्र सिंह – पूर्व मंत्री को सागर से टिकट दिया जा सकता है। यहां के सांसद लक्ष्मीनारायण के पुत्र सुधीर सुरखी से विधानसभा चुनाव हारे हैं।

इन पर भी चर्चा- सत्यनारायण जटिया, संपतिया उइके, फग्गन सिंह कुलस्ते, प्रभात झा, नरोत्तम मिश्रा, माया सिंह, प्रहलाद पटेल, डॉ. वीरेंद्र कुमार और यशोधरा राजे सिंधिया।
कट सकते हैं टिकट
पिछले चुनाव में भाजपा ने 27 सीटें जीती थीं, लेकिन दिलीप सिंह भूरिया के निधन के बाद उपचुनाव झाबुआ-रतलाम पार्टी हार गई थी। दूसरी ओर पार्टी इस बार 12 सांसदों के टिकट काटने पर भी विचार कर रही है।
लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है, हम सभी 29 सीटों पर जीतने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। कौन कहां से उम्मीदवार होगा यह केंद्रीय चुनाव समिति तय करेगी।
– राकेश सिंह, अध्यक्ष, प्रदेश भाजपा

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