ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह के रिश्तों को लेकर पहले भी कई तरह की खबरें आ चुकी हैं। अक्सर ये खबरें आती हैं कि मध्यप्रदेश में दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया के रिश्तों में तल्खियों को लेकर पहले भी कई बार खबरें आईं हैं। लेकिन अब कांग्रेस ने खुद ही इन तल्खियों को बढ़ाने के लिए विज्ञापन जारी कर दिया है। जानकारों का कहना है कि ये विज्ञापन सामने आने के बाद सिंधिया और दिग्विजय के रिश्तों में फिर से कडवाहट आ सकती है।
कमल नाथ के जन्म दिन पर मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी ने एक विज्ञापन जारी किया है। इस विज्ञापन में कहा गया है कि 1993 में भी कमल नाथ के मुख्यमंत्री बनने की चर्चा थी। बताया जाता है कि तब अर्जुन सिंह ने दिग्विजय सिंह का नाम आगे कर दिया। इस तरह कमल नाथ उस समय सीएम बनने से चूक गए थे। अब 25 साल बाद दिग्विजय के समर्थन के बाद उन्हें मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला है। इस विज्ञापन में यह साफ किया गया है कि कमल नाथ केन्द्रीय नेतृत्व की पसंद से नहीं बल्कि दिग्विजय सिंह के समर्थन से सीएम बने हैं।
दिग्विजय सिंह 1993 से 2003 तक मध्यप्रदेश के सीएम थे। 1993 में जब कांग्रेस की सरकार बनी थी उस समय ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता माधवराव सिंधिया भी मुख्यमंत्री बनने की रेस में थे लेकिन अर्जुन सिंह के कारण माधवराव सिंधिया मध्यप्रदेश के सीएम नहीं बन पाए थे। लेकिन 2018 में दिग्विजय के कारण अब ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मध्यप्रदेश के सीएम नहीं बन पाए हैं।
ज्योतिरादित्य सिंधिया के मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनने की भी अटकलें थीं। लेकिन कहा गया कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के नाम पर दिग्विजय सिंह समर्थन नहीं कर रहे हैं। दिग्विजय सिंह खेमे ने पूर्व सीएम अर्जुन सिंह के बेटे अजय सिंह का नाम प्रदेश अध्यक्ष के लिए आगे बढ़ा दिया था।