कांग्रेस प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरने के बयान का समर्थन किया है। बावरिया ने बुधवार को कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया की जगह मैं होता तो भी प्रदर्शन कर रहे लोगों से यही कहता जो ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जब सड़क पर उतरने की बात कही थी उसके बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उन्हें खुली चुनौती देते हुए कहा था कि उतर जाएं। इसके बाद मध्यप्रदेश की सियासत में कई तरह की अटकलें लगीं थी। वहीं, सिंधिया के विरोधी माने जाने वाले दिग्विजय सिंह पहली बार सिंधिया के समर्थन में उतरे। दिग्विजय सिंह ने कहा- वचन पत्र पांच साल के लिए है, हमने इनमें से कई वादों को पूरा किया है और अन्य वादों को पूरा करने का काम चल रहा है। वहीं, सिंधिया की नाराजगी पर उन्होंने कहा कि सिंधिया जी किसी के खिलाफ नहीं हैं, कांग्रेस पार्टी कमलनाथ जी के नेतृत्व में एकजुट है।
कमलनाथ सरकार के मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थन में आ गए। हालांकि जो मंत्री सिंधिया के समर्थन में आए वह सिंधिया खेमे के ही हैं। महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी ने कहा- अगर महाराज सड़के पर उतरेंगे तो हम भी उनके साथ सड़कों पर उतरेंगे लेकिन ऐसा करने की नौबात नहीं आएगी क्योंकि सरकार अपने वचन पत्र में किए गए वादों को पूरा कर रही है। कमलनाथ सरकार में खाद्य मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने भी ज्योतिरादित्य सिंधिया के बयान का समर्थन किया था। तोमर ने कहा- ‘सिंधिया जी ने सरकार को अगर आगाह किया है तो बिल्कुल ठीक किया है, आप अकेले नहीं हैं मैं भी आपके साथ मैदान में आऊंगा।’
हालांकि सिंधिया के बयान के बाद से दिग्विजय सिंह खेमे के कई मंत्री ने इस मुद्दे से खुद को अलग कर लिया। मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि कांग्रेस में ऑल इज वेल है। वहीं, सहकारिता मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह ने कहा था कि सड़क पर उतरने का काम विपक्ष का है। इस बयान के बाद उन्होंने हाल ही में कहा है कि जिनकी निष्ठा पार्टी के प्रति नहीं है उन्हें पार्टी से निकाल देना चाहिए।
ज्योतिरादित्य सिंधिया जहां सड़क पर उतरने के बयान पर अड़े हुए हैं वहीं, मुख्यमंत्री कमलनाथ इस मुद्दे को लेकर सॉफ्ट हुए हैं। सीएम कमलनाथ ने कहा था- मैं शिवराज सिंह चौहान से नाराज नहीं होता हूं तो फिर मैं सिंधिया से नाराज कैसे हो सकता हूं। जानकारों का कहना है कि इस पूरे मुद्दे में ज्योतिरादित्य सिंधिया का दावा मजबूत हुआ है।