कभी नहीं हारे चुनाव
कैलाश विजयवर्गीय पहली बार इंदौर के मेयर चुने गए थे और उसके बाद से संसदीय राजनीति में वह लगातार आगे ही बढ़ते रहे। कैलाश विजयवर्गीय मध्यप्रदेश विधानसभा का कभी कोई चुनाव नहीं हारे हैं। जब भी वो चुनावी मैदान में उतरे उन्हें हर बार जीत मिली। कैलाश विजयवर्गीय इंदौर की अलग-अलग सीटों से विधायक रहे। कैलाश विजयवर्गीय ने 2018 का विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा पर इससे पहले वो लगातार छह बार विधायक रहे। विजयवर्गीय को 2014 में बीजेपी का हरियाणा चुनाव प्रचार का प्रभारी बनाया गया था। वहां पार्टी की जीत के बाद केंद्रीय राजनीति में कैलाश विजयवर्गीय का कद बढ़ गया।
कैलाश विजयवर्गीय 1983 में इंदौर नगर निगम के मेयर और 1985 में स्थायी समिति के सदस्य चुने गए। भारतीय जनता युवा मोर्चो (भाजयुमो) के राज्य सचिव बने। 1985 में ही वह विद्यार्थी परिषद के स्टेट कॉर्डिनेटर भी बने। 1990 में भाजपा ने उन्हें विधानसभा का टिकट दिया। वो पहली बार विधायक बने। 1990, 1993, 1998, 2003, 2008, और 2013 के विधानसभा चुनावों में विधायक चुने जाते रहे हैं। इसके वह अलग-अलग सीटों से विधायक रहे। 2008 में उन्होंने महू से चुनाव लड़ा और 2013 का भी चुनाव वहीं से जीता।
कैलाश विजयवर्गीय अक्सर अपने विवादित बयानों के कारण सुर्खियों में रहते हैं। कैलाश विजयवर्गीय कई मुद्दों पर अपनी राय बेबाकी के साथ रख चुके हैं।