दरअसल, पिछले दिनों मध्यप्रदेश दौरे पर आए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अतिथि शिक्षकों के समर्थन में कहा था कि वचन पत्र में आपकी नियुक्ति की बात थी। थोड़ा धैर्य रखें, अगर आपकी मांगे पूरी नहीं होती है तो फिर हम भी आपके साथ सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरेंगे। सिंधिया के इस बयान के बाद प्रदेश कांग्रेस में खींचतान फिर से बढ़ गई। जिसके बाद शुक्रवार को सीएम कमलनाथ ने दिल्ली में सोनिया गांधी से मुलाकात की। साथ ही तमाम चीजों से उन्हें अवगत कराया।
सोनिया से मुलाकात के बाद दिल्ली में समन्वय समिति की बैठक रखी गई। इस बैठक में सिंधिया भी पहुंचे। लेकिन सिंधिया थोड़ी देर बाद ही वहां से निकल गए। बैठक के बाद बाहर निकले प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया ने कहा कि उनका पहले से कोई कार्यक्रम तय था, इसलिए वह मीटिंग से बताकर निकल गए। बाद में सिंधिया ने कहा भी कि यह काफी प्रोडक्टिव बैठक थी।
कमलनाथ ने दिया जवाब
समन्वय समिति की बैठक खत्म होने के बाद सीएम कमलनाथ बाहर निकले। जब उनसे सिंधिया की धमकी पर सवाल पूछा गया कि वह सड़क पर उतरने की बात कह रहे हैं। इस पर कमलनाथ ने कहा कि तो उतर जाएं। उसके बाद वह ड्राइवर से बोले कि गाड़ी आगे बढ़ाओ। लेकिन उनका बॉडी लैंग्वेज बता रहा था कि वह बहुत नाराज हैं। इससे पहले कमलनाथ ने कहा था कि हमारा वचन पत्र पांच साल के लिए है।
बचाव में दिग्विजय सिंह
दिल्ली से बैठक के बाद इंदौर पहुंचे पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने तमाम विवादों पर पार्टी का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि वचन पत्र पांच साल के लिए है, हमने इनमें से कई वादों को पूरा किया है और अन्य वादों को पूरा करने का काम चल रहा है। वहीं, सिंधिया की नाराजगी पर उन्होंने कहा कि सिंधिया जी किसी के खिलाफ नहीं हैं, कांग्रेस पार्टी कमलनाथ जी के नेतृत्व में एकजुट है।