पिछली सरकार में गरीबी मुक्त पंचायत को लेकर लक्ष्य पूरे होने बता दिए गए। करीब 1900 पंचायतों को पिछले वित्तीय वर्ष में पूरा करना था, लेकिन उससे पहले लक्ष्यपूर्ति बता दी गई। सरकार इसकी भी जांच कराएगी। देखा जाएगा कि वास्तव में कितना काम हुआ है। पिछली भाजपा सरकार में दावा किया गया था कि गरीबी मुक्ति अभियान से 12त्न तक गरीबी घटी है पर कांग्रेस का मानना है कि बेरोजगारी व गरीबी बढ़ी है।
पी एम आवास को लेकर बड़े पैमाने पर गड़बड़झाला है। पिछली सरकार ने सितंबर 2018 में ही 3.50 लाख लोगों को पीएम आवास मंजूरी के सर्टिफिकेट बांट दिए थे, लेकिन इनमें से डेढ़ लाख ही पिछली सरकार तक पूरे हो पाए थे। उस पर एक लाख आवास विभिन्न स्तरों पर निर्माणाधीन हंै, जो पहले विधानसभा चुनाव और फिर लोकसभा चुनाव के कारण लक्ष्यों से पिछड़ गए। बजट की कमी के कारण इन निर्माणों को पूरा नहीं किया जा सका। अब पीएम आवास को लेकर प्रदेश सरकार पर दबाव बन रहा है। इसलिए सरकार ने पीएम आवास को लेकर भी पूरा डाटा एनालिसिस व मैदानी परीक्षण कराना तय किया है। इसमें पीएम आवास की गुणवत्ता से लेकर हितग्राही तक की स्थिति देखी जाएगी।
शिवराज सरकार ने जिन शहरों -गांवों को ओडीएफ घोषित किया है, उनकी जांच की जाना है। कमलनाथ के निर्देश पर ग्रामीण विकास विभाग ने खाका तैयार करना शुरू कर दिया है। सर्वे में जहां-जहां अलग रिजल्ट आएंगे, वहां के लिए अलग कार्ययोजना बनाकर काम होगा। भाजपा सरकार ने नरसिंहपुर को सबसे पहले ओडीएफ जिला घोषित किया था। इसके बाद तय लक्ष्य से एक साल पहले अक्टूबर 2018 तक पूरे प्रदेश को ओडीएफ करार दे दिया गया। अब इस सच्चाई की जांच होगी, क्योंकि पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने हाल ही में ओडीएफ के आंकड़ों को फर्जी बताया था। केंद्र ने एक रिपोर्ट के आधार पर कहा था कि मध्यप्रदेश ओडीएफ है, लेकिन दिग्विजय सिंह ने कहा था कि अभी भी 44त्न आबादी खुले में शौच करती है।
भाजपा सरकार ने 31 अक्टूबर 2018 की स्थिति में सभी गांवों तक बिजली पहुंचाने की बात कही थी। सौभाग्य योजना के तहत 43 लाख घरों तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्य था। भाजपा सरकार ने इसे पूरा करने का दावा किया, लेकिन अभी भी 900 गांवों तक बिजली की पहुंच पर्याप्त नहीं है। कांग्रेस सरकार ने इसके तथ्य जांचना तय किया है। इसमें मैदानी निरीक्षण के जरिए सच्चाई जानी जाएगी।
इस दावों के अलावा पूर्व में भी कांग्रेस सरकार पिछली भाजपा सरकार के चुनिंदा दावों की जांच का ऐलान कर चुकी है। इसमें सिंहस्थ घोटाला, नर्मदा किनारे पौधारोपण और व्यापमं सहित अन्य मुद्दे शामिल हैं।
– कमलेश्वर पटेल, मंत्री, ग्रामीण विकास विभाग
– डॉ. नरोत्तम मिश्रा, पूर्व मंत्री