उसके बाद से लगातार वो मंथन कर रहे हैं। पिछले दो दिनों तक भोपाल में रहने के बाद कमलनाथ रविवार को फिर से एक्टिव हो गए हैं। पहले उन्होंने सरकार के मंत्रियों के साथ बात की और फिर विधायकों के साथ घंटों चर्चा की। इस बैठक में कांग्रेस, बसपा, निर्दलीय और सपा के विधायक शामिल हुए हैं। सभी ने सीएम के सामने अपनी बात रखी है।
सरकार पर संकट की आहट के साथ ही मंत्रिमंडल विस्तार के कयास भी लगाए जा रहे हैं। इस कयास के बीच मंत्री पद के दावेदारों की संख्या भी बढ़ गई है। निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा लगातार मंत्री पद के लिए दबाव बना रहे हैं। वे पहले बोल चुके हैं कि मुझसे सीएम कमलनाथ ने वादा किया है। मीटिंग में जाने से पहले भी उन्होंने कहा कि मैं मंत्री बनूंगा।
सिर्फ समर्थन कर रहे दूसरे दल या फिर निर्दलीय विधायक ही दावेदारी पेश नहीं कर रहे हैं बल्कि कांग्रेस के विधायक भी मंत्री पद की चाहत में बैठे हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक केपी सिंह ने कहा कि मैं सीनियर हूं, फिर भी मुझे मंत्री पद नहीं मिला। उन्होंने कहा कि मुझे इस बात का दुख है। हालांकि जब उनसे पूछा गया कि आप मीटिंग में इस बात को रखेंगे तो उन्होंने कहा कि नहीं।
वित्त मंत्री तरुण भनोट ने कहा कि सरकार पर कोई खतरा नहीं है, जो लोग इस तरह की बात कर रहे हैं, वो अपनी भविष्य की चिंता करें। ये सरकार पांच साल चलेगी। पुत्रमोह के सवाल पर मंत्री ने कहा कि ये कौन कह रहा है, राहुल जी आपकी बात हुई है क्या।
गौरतलब है कि इस बैठक में कमलनाथ हार की कारणों पर चर्चा करेंगे। साथ ही स्थानीय विधायकों से उनके फीडबैक लेंगे। हालांकि कांग्रेस की तरफ से कहा जा रहा है कि हम अपनी बातों को सही तरीके से लोगों तक नहीं पहुंचा पाए हैं।