दरअसल, बीजेपी ने दावा किया था कि कमलनाथ सरकार अल्पमत में है। विपक्ष ने विधानसभा में शक्ति परीक्षण की मांग की थी। उसके बाद कमलनाथ ने कहा था कि हम फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार है। बैठक के बाद उन्होंने कहा है कि हमें अपने विधायकों पर पूरा भरोसा है। हमारे दस विधायकों को फोन कर पैसा और पद ऑफर किया जा रहा है।
गौरतलब है कि कमलनाथ से पहले सरकार मंत्री प्रद्युमन सिंह ने कहा है कि विधायकों के पास फोन आ रहे हैं, उन्हें पचास-पचास करोड़ रुपये के ऑफर दिए जा रहे हैं। पहले उन्हें पच्चीस-पच्चीस करोड़ कहा गया। जब वे तैयार नहीं हो रहे हैं तो उन्हें पचास करोड़ कहा जा रहा है।
दरअसल, सरकार पर संकट की आहट की सुगबुगाहट तब शुरू हुई जब बीजेपी के कई दिग्गज नेताओं ने दावा किया कि उनके संपर्क में कांग्रेस के कई विधायक हैं। उसके बाद से बयानबाजियों का दौर प्रदेश में शुरू हो गया। उसके बाद दोनों दल के नेता अलग-अलग वादा करने लगे।
बता दें कि राज्य विधानसभा में 230 विधायकों में कांग्रेस के पास 114 विधायक हैं। यह सरकार चार निर्दलियों, बीएसपी के दो और एसपी के एक विधायक के समर्थन से चल रही है। बीजेपी के पास 109 विधायक हैं।