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भोपाल

यासीन मलिक को ताउम्र कैद, गृहमंत्री बोले-कांग्रेस द्वारा पोषित एक आतंकवादी

कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को अब ताउम्र कैद में रहना होगा। आतंकी गतिविधियों के लिए दुनियाभर से धन एकत्रित करने सहित कई अन्य गैर-कानूनी गतिविधियों में यासीन को दिल्ली की विशेष अदालत ने दोहरी उम्रकैद और 10 साल के सश्रम कारावास की पांच सजा सुनाई है।

भोपालMay 26, 2022 / 02:32 pm

Subodh Tripathi

यासीन मलिक को ताउम्र कैद, गृहमंत्री बोले-कांग्रेस द्वारा पोषित एक आतंकवादी

यासीन मलिक को ताउम्र कैद, गृहमंत्री बोले-कांग्रेस द्वारा पोषित एक आतंकवादी

भोपाल. कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को दिल्ली की विशेष अदालत ने दोहरी उम्रकैद और जुर्माने की सजा सुनाई है, कोर्ट के इस फैसले के बाद मध्यप्रदेश के गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने सोशल मीडिया पर ट्वीट करते हुए लिखा-आतंकी यासीन मलिक पर कोर्ट का फैसला आने के बाद अभी तक सोनियाजी,राहुलजी व दिग्विजयजी की कोई प्रतिक्रिया नहीं आना इस बात का प्रमाण है कि यासीन मलिक कांग्रेस के द्वारा पोषित एक आतंकवादी है। कांग्रेस देश तोडऩे वाले टुकड़े-टुकड़े गैंग के पीछे है और एक बार फिर यह साबित हो गया।

कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को अब ताउम्र कैद में रहना होगा। आतंकी गतिविधियों के लिए दुनियाभर से धन एकत्रित करने सहित कई अन्य गैर-कानूनी गतिविधियों में यासीन को दिल्ली की विशेष अदालत ने दोहरी उम्रकैद और 10 साल के सश्रम कारावास की पांच सजा सुनाई है। इसके अतिरिक्त उसे 10 लाख रुपए का जुर्माना भी देना होगा। अदालत ने स्पष्ट किया कि उम्रकैद का मतलब बची हुई पूरी जिंदगी जेल में बितानी होगी और सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। एनआइए अदालत के इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है। यासीन ने पिछले दिनों अपने सभी अपराध स्वीकार कर लिए थे। उनमें गैरकानूनी गतिविधि निरोधक कानून(यूएपीए) के तहत लगाए गए आरोप भी शामिल हैं, जिनमें सख्त सजा के प्रावधान हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) की विशेष अदालत में बुधवार को सजा बहस हुई।

 

https://twitter.com/hashtag/YasinMalik?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw

एनआइए ने अदालत से मलिक को सख्त से सख्त सजा की गुहार लगाते हुए फांसी देने की मांग की, जबकि यासीन के अधिवक्ता ने उम्रकैद देने की गुहार लगाई।

कश्मीर के नाम पर पूरी दुनिया से बटोरा धन

– विशेष जज प्रवीण सिंह ने 19 मई को यासिन मलिक को दोषी ठहराते हुए एनआइए अधिकारियों को उसकी आर्थिक स्थिति पता लगाने का निर्देश दिया था, ताकि सजा तय की जा सके।

– अदालत ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की कथित आजादी के संघर्ष के नाम पर यासिन मलिक ने पूरी दुनिया में धन इक_ा करने का मैकेनिज्म बनाया था।

– पिछले 10 मई को यासिन मलिक ने अदालत में अपना गुनाह स्वीकार करते हुए कहा था कि उसे अपने ऊपर लगाए गए आरोपों पर कुछ नहीं कहना है। कोर्ट जो चाहे कार्रवाई कर सकती है।

गांधी का अनुयायी होने का दावा सही नहीं

– जज प्रवीण सिंह ने कहा कि यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि जब वर्ष 1994 के बाद हिंसा का रास्ता छोडऩे का दावा उन्होंने किया तो भारत सरकार ने सुधार का मौका दिया। उन्हें अपनी राय व्यक्त करने के लिए हर मंच दिया।

– अपराधी महात्मा गांधी के अनुयायी होने का दावा नहीं कर सकता क्योंकि महात्मा गांधी के सिद्धांतों में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं थी, चाहे उद्देश्य कितना भी ऊंचा हो। जिन अपराधों के लिए मलिक को दोषी ठहराया गया था वे बहुत गंभीर प्रकृति के थे।

– अपराध करने का तरीका और अपराध में इस्तेमाल किए जाने वाले हथियार इस निष्कर्ष पर ले जाते हैं कि विचाराधीन अपराध दुर्लभतम मामलों की परीक्षा में विफल हो जाएगा।

पाकिस्तान बेचैन
मलिक को सजा सुनाए जाने के बाद पाकिस्तान बेचैन हो गया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बाचेलेट को पत्र लिखकर भारत से कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक को सभी आरोपों से बरी करने और जेल से उनकी तत्काल रिहाई सुनिश्चित करने का आग्रह किया है ताकि वह अपने परिवार के साथ फिर से मिल सकें।

जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बढ़ी
यासीन पर फैसले के बाद किसी अप्रिय घटना को टालने के लिए जम्मू-कश्मीर में पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। मोबाइल इंटरनेट बंद कर दिए गए हैं। हालांकि लैडलाइन और ब्रॉड़बैंड चालू रहेगा। श्रीनगर में आंशिक बंद देखा गया है। हालांकि, गाडयि़ों की आवाजाही बरकरार है। अर्धसैनिक बल अलर्ट पर रखें गए हैं।

10 बिंदुओं में समझें अपराध और दंड

आइपीसी की धारा 120 बी- 10 साल जेल, 10 हजार जुर्माना। जुर्माना नहीं भरा तो 6 माह अतिरिक्त सजा।

आइपीसी की धारा 121- आजीवन कारावास, 10 हजार जुर्माना। जुर्माना न भरने पर 6 माह अतिरिक्त जेल।

आइपीसी की धारा 121 ए- 10 साल जेल, 10 हजार जुर्माना। भुगतान नहीं करने पर छह महीने अतिरिक्त जेल।

यूएपीए की धारा 13, आइपीसी की धारा 120 बी- 5 साल जेल, 5 हजार जुर्माना। भुगतान नहीं करने पर 3 माह अतिरिक्त जेल।

यूएपीए की धारा 15 व आइपीसी की धारा 120बी: 10 साल जेल, 10 हजार जुर्माना। भुगतान नहीं होने पर छह माह की अतिरिक्त जेल।

यूएपीए की धारा 17 – आजीवन कैद, 10 लाख जुर्माना। जुर्माना न देने पर ढाई साल अतिरिक्त सजा।

यूएपीए(धारा 18)- 10 साल जेल। 10 हजार जुर्माना न देने पर 6 माह और जेल।

यूएपीए(धारा 20)- 10 साल जेल, 10 हजार जुर्माना न देने पर 6 माह और सजा। शेषञ्चपेज 07

यासीन…

यूएपीए की धारा 38- पांच साल जेल और 5,000 रुपए जुर्माना। जुर्माना नहीं भरने पर तीन माह अतिरिक्त जेल।

यूएपीए की धारा 39- पांच साल जेल और 5,000 रुपए जुर्माना। जुर्माना नहीं भरने पर तीन माह अतिरिक्त जेल।

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‘गांधी का अनुयायी, अपराधी होता तो वाजपेयी विदेश क्यों जाने देते

मलिक बोला-वह अपराधी था तो वाजपेयी सरकार ने उसे पासपोर्ट दे दुनिया में यात्रा व भाषण देने की अनुमति क्यों दी थी। कहा, 1994 में हथियार सौंपने के बाद गांधी के सिद्धांतों पर अहिंसक ढंग से जम्मू-कश्मीर में राजनीति कर रहा हूं। हिंसक गतिविधि में मेरी संलिप्तता साबित करें तो राजनीति छोड़ देगा।

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